पटना:बिहार की राजधानी पटना में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी यूएसए (Harvard University USA) हीलिस सेखसरिया इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ मुंबई और स्कूल ऑफ प्रीवेंटिव ऑंकोलॉजी पटना (School of Preventive Oncology Patna) की ओर से बीते 10 वर्षों से राज्य में चलाएं जा रहे 'तंबाकू मुक्त शिक्षक तंबाकू मुक्त समाज अभियान' (Tobacco free teacher tobacco free society) के सफलता को लेकर गुरुवार को एक होटल में प्रेस वार्ता की गई. जिसमें हार्वर्ड के रिसर्चर प्रोफेसर ग्लोडियन सोरेसेन और रिसर्च डॉक्टर ईव नेग्लर, हीलिस इंस्टीट्यूट से डॉ मंगेश पेडणेकर और स्कूल ऑफ प्रीवेंटिव ऑंकोलॉजी से डॉक्टर धीरेंद्र सिन्हा मौजूद रहे.
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100% शिक्षकों तक पहुंची तंबाकू निषेध की नीति:हीलिस इंस्टीट्यूट के डॉ मंगेश पेडणेकर ने जानकारी दी कि यह सिर्फ रिसर्च नहीं था बल्कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के सहयोग से ही सर्च करके तंबाकू छुड़ाने का एक प्रयोग किया गया.जो सफल रहा. इसके बाद एक मार्गदर्शिका तैयार की गई जिसे पूर्णा स्कूलों में इंप्लीमेंट किया गया और देखा गया कि तंबाकू निषेध की नीति 100% तक शिक्षकों तक पहुंची है.
दो भागों में बांट कर चलाया गया अभियान:उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्षों से अभियान चल रहा है. सबसे पहले यह अभियान 2008 से 2014 तक बिहार के 10 जिला में 72 स्कूलों के 600 शिक्षकों को दो भागों में बांट कर चलाया गया. इसमें एक भाग को तंबाकू छोड़ने के संबंधित क्रियाकलापों में शामिल किया गया और दूसरे को सिर्फ तंबाकू के खिलाफ अवेयर किया गया.
20% शिक्षकों ने छोड़ा तंबाकू का सेवन:डॉ मंगेश पेडणेकर (Dr. Mangesh Pednekar) ने बताया कि जिन स्कूलों को तंबाकू छोड़ने संबंधित क्रियाकलापों में शामिल किया गया. वहां लगभग 50% शिक्षकों ने अगले कुछ दिनों तक के लिए तंबाकू छोड़ दिया जबकि जहां क्रियाकलापों में शामिल नहीं किया गया था. वहां के 15% शिक्षकों ने तंबाकू छोड़ा था और फिर 6 महीने बाद जब दोबारा सर्वे किया गया. तो पता चला कि जहां तंबाकू छोड़ने संबंधित क्रियाकलाप कराए गए थे. वहां लगभग 20% शिक्षक तंबाकू सेवन नहीं कर रहे हैं वही जो क्रियाकलाप में शामिल नहीं हुए. उनमें 5% ही ऐसे शिक्षक बचे जो तंबाकू सेवन नहीं किया.