पटना:आज कारगिल दिवस है. कारगिल युद्ध (Kargil War) में 26 जुलाई 1999 को भारत को विजय मिली थी. इसलिए हर साल इस दिन कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. राजधानी पटना में भी विजय दिवस के मौके पर बीजेपी की ओर से तिरंगा यात्रा (Tiranga Yatra In Patna) निकाली गई और देश के लिए अपने प्राणों की आहुती देने वाले वीर सपूतों को नमन किया गया. तिरंगा यात्रा में बिहार सरकार के मंत्री भी शामिल हुए.
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पटना में निकाली गई तिरंगा यात्रा: तिरंगा यात्रा में बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा (Minister Jivesh Mishra) भी शामिल हुए. मंगलवार को कारगिल विजय दिवस के मौके पर भारतीय जनता पार्टी सैनिक प्रकोष्ठ की ओर से जेपी गोलंबर से लेकर कारगिल चौक तक तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया. मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कारगिल विजय को सभी देशवासी याद कर रहे हैं. खास तौर पर जो अमर शहीद हुए थे जिन वीरों ने कारगिल युद्ध में अपनी आहुति दी थी आज उन वीरों को याद करते हुए उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया जा रहा है.
"कारगिल दिवस को देशवासी याद कर रहे हैं. खासकर पूर्व सैनिकों ने शहीदों के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली है. बीजेपी पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के हमारे कार्यकर्ता बंधु हैं उनके नेतृत्व में यह यात्रा निकाली गई है. कारगिल चौक में श्रद्धासुमन शदीदों को अर्पित करेंगे."- जीवेश मिश्रा,श्रम संसाधन मंत्री, बिहार
'नीतीश कुमार के स्वस्थ होने की करते हैं प्रार्थना':इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कोरोना पॉजिटिव होने पर श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि मालूम नहीं था. सीएम पॉजिटिव हुए हैं कहीं से जानकारी मिली है. भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जल्द से जल्द नीतीश कुमार स्वस्थ हो जाएं.
बिहार के 18 जवान भी हुए थे शहीद:कारगिल युद्ध को 23 साल बीत चुके हैं, आज विजय दिवस के अवसर पर उसके शहीदों को पूरा भारत याद कर रहा है. इस युद्ध में बिहार ने भी अपने 18 बेटों को खोया था. कारगिल युद्ध में शहीद हुए बिहार के मेजर चन्द्र भूषण द्विवेदी (शिवहर), नायक गणेश प्रसाद यादव (पटना, तारेगना), हरिकृष्ण राम (सिवान), हवलदार रतन कुमार सिंह (भागलपुर), प्रभाकर कुमार सिंह (भागलपुर), नायक विशुनी राय (सारण), नायक नीरज कुमार (लखीसराय), नायक सुनील कुमार (मुजफ्फरपुर), लांस नायक विद्यानंद सिंह (आरा), लांस नायक राम वचन राय (वैशाली), अरविंद कुमार पाण्डेय (पूर्वी चम्पारण), शिव शंकर गुप्ता (औरंगाबाद), हरदेव प्रसाद सिंह (नालंदा), एम्बू सिंह (सिवान) और रमन कुमार झा (सहरसा) का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है.