पूर्वी चंपारण (मोतिहारी):मकर संक्रांति का त्योहार (Makar Sankranti 2022) नजदीक आ गया है. ऐसे में बिहार के पूर्वी चंपारणमें तिलकुट की मांग (Tilkut Market in Motihari) बढ़ गई है. मोतिहारी शहर के मुख्य बाजारों समेत अन्य चौक-चौराहों पर तिलकुट की दुकानें सज चुकी हैं. वातावरण में फैली तिलकुट की सोंधी खुशबू से बाजार महक उठा है. कारीगर तिलकुट बनाने में जुटे हुए हैं और दुकानों पर लोग तिलकुट खरीदने पहुंच रहे हैं. लेकिन इस बार तिलकुट पर महंगाई की मार पड़ी है. हर तरह के तिलकुट के दाम पिछले साल के अपेक्षा इस साल बढ़े हुए हैं.
मोतिहारी में सजी तिलकुट की दुकानें : मकर संक्रांति को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल है. जगह-जगह तिलकुट और लाई की दुकानें लगी हुई है. मकर संक्रांति नजदीक आते ही कारीगरों द्वारा तिलकुट बनाने का काम जोरों पर चलता है. लेकिन इस बार फिर से कोरोना के बढ़ते संक्रमण से दुकानदारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सरकार के गाइडलाइन को देखते हुए दुकानदारों ने इस साल तिलकुट के बाजार में कम पूंजी लगाने में ही अपनी भलाई समझी है और कम मात्रा में तिलकुट बना रहे हैं.
वहीं, गया के प्रसिद्ध तिलकुट के नाम पर भी दुकानें सजी हुई है. प्रत्येक साल यहां मकर संक्रांति से दो महीना पहले तिलकुट व्यवसायी गया से आकर दुकान लगाते हैं. प्रत्येक वर्ष गया से आकर मोतिहारी में तिलकुट का दुकान लगाने वाले दुकानदार नरेंद्र प्रसाद ने बताया कि मकर संक्रांति के मौके पर तिलकुट के बाजार पर बढ़ते कोरोना से क्या कुछ असर पड़ रहा है.
"इस साल भी तिलकुट के बाजार पर कोरोना का प्रभाव पड़ा है. सरकार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए गाइडलाइंस भी जारी कर चुकी है. जिसका सीधा असर तिलकुट के बाजार पर दिख रहा है. वहीं इस बार तिलकुट बी महंगा बिक रहा है. तिलकुट के सभी वैरायटी के दामों में 20 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. जिसका असर तिलकुट की बिक्री पर भी पड़ता दिख रहा है. ऐसे में मुनाफा नहीं के बराबर है. लेकिन गया के प्रसिद्ध तिलकुट का स्वाद सभी तक पहुंचे इसके लिए व्यवसायी इस बार भी तिलकुट की बिक्री कर रहे हैं."-नरेंद्र प्रसाद, तिलकुट व्यवसायी