पटना:पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) के आवास पर आज तीसरे दिन भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध देखे जा रहे हैं. गुरुवार को बयान के बाद हिन्दू पुत्र और श्रीराम सेना संगठन के कार्यकर्ता पटना में मांझी के आवास पहुंच गए. जब उन्हें पुलिस ने रोक दिया तो संगठन के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर ही बैठकर सत्यनारायण भगवान की पूजा की (Satyanarayan bhagwan puja in front of manjhi house), शंख बजाया और प्रसाद भी बांटा. बता दें कि स्टैंड रोड में शुक्रवार को भी पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखा है. मांझी आवास पर रैफ के जवान भी तैनात किए गए हैं. किसी भी तरह के प्रदर्शन से निपटने के लिए पूरी तैयारी जिला प्रशासन ने कर रखी है. पार्टी के कई नेता भी आवास के बाहर चहलकदमी करते नजर आ रहे हैं.
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आवास के बाहर मौजूद हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि जिस तरह से ब्राह्मण संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं, वह गलत है. मांझी ने कहीं भी पूरे ब्राह्मणों को लेकर बयान नहीं दिया था. उन्होंने पंडितों को लेकर बयान दिया और ऐसे पंडित को लेकर कहा जो मांस-मछली, मदिरा आदि का सेवन कर पूजा करवाते हैं और दलितों के घर नहीं खाते हैं. इस बयान को लेकर उन्होंने खेद भी प्रकट किया.
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विजय यादव ने कहा कि निश्चित तौर पर उन्हें चेतावनी देना चाहते हैं कि वह इस तरह का काम न करें, नहीं तो जब मांझी के समर्थक जुट जाएंगे तो उन्हें भारी पड़ जाएगा. उन्होंने साफ-साफ कहा कि जो काम ब्राह्मण संगठन से जुड़े लोग कर रहे हैं, वह गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. अगर इसके वाबजूद वो कुछ करते हैं, तो हमलोग जवाब देने को तैयार हैं.
'मैं उन संगठनों के ठेकेदारों से पूछना चाहता हूं कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने क्या गलत कहा. उन्होंने उन पंडितों और उन ब्राह्मणवादों के बारे में बोला जो मांस-मछली खाकर और पोथी-पत्रा की जगह पेपर लेकर दलितों के यहां पूजा कराने जाते हैं और दक्षिणा भी लेते हैं. लेकिन जब खाना खाने की बात आती है, तो नहीं खाते हैं, अछूत फैला रहे हैं. ऐसे पंडितों को कभी माफ करने की जरूरत नहीं.'-विजय यादव, हम प्रवक्ता
कुल मिलाकर देखें तो आज भी मांझी के आवास पर गहमा-गहमी देखने को मिल रहा है. पार्टी के कई नेता भी जुटे हुए हैं. हालांकि जीतन राम मांझी आवास के अंदर हैं और मीडिया से बात करने से परहेज करते नजर आ रहे हैं. फिलहाल जो हालात है जिला प्रशासन ने मांझी के आवास पर भारी पुलिस बल की मुस्तैदी कर दी है.
बता दें कि, मांझी ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज के लोगों पर अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से ही उनके बयान का विरोध हो रहा है. हालांकि बाद में मांझी ने माफी मांगते हुए कहा कि, वे ब्राह्मण के खिलाफ नहीं, ब्राह्मणवाद के खिलाफ है. उन्होंने कहा, "हम अपने समाज के लिए उस शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आनी चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं."
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