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भिखारी ठाकुर के 133 वीं वर्षगांठ पर बिदेशिया का 724 वा मंचन

भिखारी ठाकुर के 133 वी वर्षगांठ पर बिदेशिया का 724 वा मंचन पटना के कालिदास रंगालय में किया गया. रंगमंच पर कलाकारों ने बिदेशिया का अंश को मार्मिक रुप से दिखाया.

Patna
रंगमंच

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Published : Dec 19, 2020, 1:58 AM IST

Updated : Dec 19, 2020, 5:38 AM IST

पटना:भिखारी ठाकुर के जयंती अवसर को यादगार बनाने के लिए पटना के कालिदास रंगाले में तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन पटना के कालिदास रंगालय किया गया. भिखारी ठाकुर के 133 वीं वर्षगांठ पर भिखारी ठाकुर के चर्चित रचना बिदेशिया का 724 वा मंचन शुक्रवार को कलाकारों ने किया.

बिदेशिया का अंश

समाज के व्याप्त पीड़ा को दिखाया
इस नाटक में भिखारी ठाकुर के समय में समाज में व्याप्त पलायन की पीड़ा को दिखाया गया है. लोक नाट्य शैली में हुए इस नाटक में एक ऐसे युवक की कहानी दिखाई गई है जो शादी के कुछ दिनों बाद ही घूमने और रोजगार की तलाश में कोलकाता चला जाता है. महानगर उसे ऐसा भाता है कि वह वही की एक महिला के साथ अपना घर बसा लेता है.

देखें रिपोर्ट
नाटक मंच से पलायन से उपजी पीड़ा को दिखायाइधर पति के चले जाने से महिला को वेदना झेलनी पड़ती है. उसकी पीड़ा को देखकर गांव के बटोही बाबा कोलकाता जाते हैं और उसके पति को वापस लाते हैं. युवक के गांव आने के बाद कोलकाता वाली महिला भी उसके घर पहुंच जाती है. दोनों ही एक साथ रहने के लिए राजी हो जाते हैं. नाटक गांव में शहरों में होते पलायन और इससे उपजी पीड़ा को बड़े ही रोचक अंदाज में दिखाया गया.
Last Updated : Dec 19, 2020, 5:38 AM IST

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