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लॉकडाउन : 14 श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आज बिहार पहुंचेंगे 17 हजार लोग - लॉकडाउन में बिना दहेज की शादी हुई संपन्न

कोरोना संक्रमण की वजह से देश के विभिन्न राज्यों में बिहार के श्रमिक फंसे है. अब इन फंसे श्रमिकों को लाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलायी जा रही है. देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे लोगों को छूट दी जाने के बाद से ही लोगों के अपने घरों तक पहुंचने का सिलसिला जारी है.

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Published : May 10, 2020, 7:33 AM IST

पटना:लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोगों की घर वापसी तेज हो गई है. रोज कई श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिहार के अलग-अलग जिलों में आ रही हैं. रविवार को विभिन्न राज्यों से 14 ट्रेनें बिहार पहुंचेंगी. इन ट्रेनों से 17 हजार 54 लोग आएंगे.

इस बीच, कोयम्बटूर से ऐसी पहली ट्रेन शनिवार को बिहार के लिए रवाना हुई जिसमे 1140 मजदूर सवार थे. ये सभी अपने घर के लिए रवाना हुए. ट्रेन में जाने से पहले रेलवे स्टेशन के अंदर तक सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया गया. यह ट्रेन अपने गंतव्य स्थान तक रविवार को पहुंचेगी.

सख्ती से लॉकडाउन का पालन करा रही पुलिस
जिलाधिकारी कुमार रवि के आदेश के बाद शुक्रवार को पहले दिन पटना में कई दुकानें खुली, जहां बाजार में काफी रौनक दिखी. वहीं, शनिवार को पूरी तरह शांति रही. दूसरी तरफ राजधानी पटना के व्यस्तम बोरिंग रोड में ट्रैफिक पुलिस सड़क पर मुस्तैदी से वाहनों की चेकिंग में लगी है. बेवजह निकलने वाले फाइन भर रहे हैं.

पटरी पर लौट रही मजदूरों की जिंदगी
लॉकडाउन 3 में ग्रीन और ऑरेंज जोन इलाकों में मिली छूट से कामगारों की ज़िंदगी पटरी पर उतरती दिख रही है. छोटे-छोटे कामगार मजदूर अपने-अपने काम में जुट गए हैं. वर्कशॉप में काम करने वाले मजदूरों को इस बात की खुशी है कि अब कमाई कर घर में चूल्हा जलेगा. वहीं, परिवार का ठीक ढंग से पालन पोषण कर सकते हैं.

गुरुग्राम से साइकिल चलाकर गया पहुंचे मजदूर
पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन लागू किया गया है. जिसकी वजह से कई मजदूर अपने घर लौट रहे हैं. इसी क्रम में गया जिले के इमामगंज प्रखंड के दुवहल पंचायत के अलग-अलग गांव के रहने वाले कई मजदूर गुरुग्राम से साइकिल चलाकर अपने गांव पहुंचे. सभी मजदूर 1100 किलोमीटर की दूरी तय कर 12 दिन में अपने गांव पहुंचे. सभी गुरुग्राम में प्राइवेट कंपनी में काम करते थे.

पश्चिम बंगाल के लिये पैदल ही चल पड़ा मजदूरों का जत्था
सैकड़ों मील दूर उत्तर प्रदेश के बनारस से पश्चिम बंगाल पैदल जा रहा मजदूरों का एक जत्था कटिहार पहुंचा. सभी मजदूर भवन निर्माण कंपनी में काम करते थे. लेकिन जब से लॉकडाउन लागू हुआ, तो सभी ने घर वापस लौटने का फैसला कर लिया. आठ लोगों के इस जत्थे ने पैदल ही अपने घरों की ओर निकल गए.

लॉकडाउन इफेक्ट: 50 फीसदी घटा डेयरी कारोबार
कोरोना महामारी ने डेयरी किसानों और उत्पादकों की कमर तोड़ दी है. लॉकडाउन में होटल, रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकान बंद होने की वजह से डेहरी पालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. दूध की खपत नहीं होने की वजह से डेयरी संचालक अपने कामगारों के वेतन भुगतान से लेकर जानवरों के रखरखाव में भी खुद को असहज महसूस कर रहे है.

लॉकडाउन में बिना दहेज की शादी हुई संपन्न
पूरे देश में लॉकडाउन के कारण शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रम से लेकर लगभग सभी मानवीय क्रियाकलाप ठप है. इसी क्रम में छपरा में एक अनूठी शादी देखने को मिली. दरअसल, बिना दान-दहेज के संपन्न हुए इस विवाह में सोशल डिस्सटेसिग का पालन करते हुए दुल्हा-दुल्हन की तरफ से मात्र 11 लोग मौजूद रहे.

Lockdown में राहत मिलते ही सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
मधुबनी में लॉकडाउन 3 में जिला प्रशासन ने कुछ राहत दी है. लेकिन लोग इसका बेजा फायदा उठा रहे हैं. जिला प्रशासन ने कुछ शर्तों पर दुकान खोलने का आदेश दिया है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का सख्त निर्देश भी दिया गया है, लेकिन शहर में आम दिनों की तरह लोग आवाजाही कर रहे हैं.

लॉकडाउन में सैलून बंद, सांपों ने जमाया कब्जा
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में लॉकडाउन की शुरुआत से ही वैशाली जिले के लालगंज में दुकानें बंद हैं. हालांकि लॉकडाउन में राहत के बाद लालगंज में शनिवार की सुबह जैसे ही सैलून की साफ-सफाई के लिए नाई श्रवण ठाकुर दुकान का शटर उठाया तो उसके होड़ गए. उसने देखा कि उसके दुकान में सांपों ने अपना अड्डा जमा लिया है.

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