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लॉकडाउन पर भारी आस्था, गंगा दशहरा पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु लगा रहे डुबकी

गंगा दशहरा के दिन सुबह गंगा में स्नान करने का रिवाज है. मान्यता है कि ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर गंगा मां पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं. इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है.

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Published : Jun 1, 2020, 9:20 AM IST

Updated : Jun 1, 2020, 10:54 AM IST

पटना (बाढ़): देशभर में कोरोना को लेकर लॉकडाउन लागू है. सोमवार को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है. इस मौके पर बिहार के वाराणसी कहे जाने वाले बाढ़ के उमानाथ मंदिर और घाट पर गंगा में स्नान कर पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.

घाट पर उमड़ी भीड़

मिलती है पापों से मुक्ति

कथाओं के अनुसार गंगा दशहरा पर स्नान ध्यान करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर गंगा मां पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं. इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है. शास्त्रों के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन प्रात काल गंगा में स्नान करना चाहिए. अगर ऐसा संभव न हो तो पास की किसी नदी या तालाब में ही स्नान करना चाहिए. इस दिन भगवान की पूजा करने के साथ गरीबों और ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देनी चाहिए.

गंगा दशहरा के मौके पर लगा मेला

पूरी होती हैं मनोकामनाएं
बाढ़ का प्रसिद्ध उमानाथ मंदिर उत्तरवाहिनी गंगा नदी के तट पर है. उत्तरवाहिनी गंगा भारत में मात्र चार जगहों पर है हरिद्वार, वाराणसी, बाढ़ और सुल्तानपुर जिससे इसकी महत्ता बढ़ जाती है. लोगों में उमानाथ महादेव के प्रति अटूट आस्था है. ऐसी धारणा है कि लोगों की सभी मनोकामनाएं महादेव के शरण में आते ही पूरी हो जाती हैं.

गंगा में डुबकी लगाते लोग

लॉकडाउन 5 में मिली छूट
गंगा दशहरा के मौके पर घाटों पर उमड़ी लोगों की भीड़ से लॉकडाउन में श्रद्धा भारी पड़ती दिख रही है. इसे देखते हुए प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि लॉकडाउन 5 में केंद्र सरकार की तरफ से लोगों को कई क्षेत्रों में छूट मिली है.

Last Updated : Jun 1, 2020, 10:54 AM IST

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