पटना:देश भर में वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है. वहीं प्रदेश में अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों से वैक्सीनेशन के बारे में कई प्रकार की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं. जिसे सरकार, चिकित्सक और मीडिया कर्मी लगातार दूर करने का काम कर रहे हैं. कम पढ़े लिखे लोगों में वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
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ट्रायल में हुईं थी शामिल
ऐसे में लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया जा रहा है. पटना के 13 वर्षीय सत्यम सिंह पटना AIIMS में 12 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए चल रहे कोरोना के वैक्सीनेशन अभियान में वॉलिंटियर बने हैं.
उन्होंने टीके का पहला डोज लगवाया है. सत्यम की मां डॉ. वीणा सिंह पटना AIIMS में बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट की विभागाध्यक्ष हैं. वह भी जब 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर वैक्सीनेशन ट्रायल शुरू हुआ था, तो वॉलिंटियर बनी थीं और ट्रायल में शामिल हुई थीं.
अभिभावकों को कराया अवगत
सत्यम सिंह ने बताया कि उन्हें जब यह जानकारी मिली कि पटना एम्स में 12 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन का ट्रायल होने जा रहा है. पहले से उन्हें इस बात की जानकारी थी कि जो तीसरा वेव आने वाला है, उसमें बच्चों को खतरा ज्यादा है. ऐसे में उन्होंने वैक्सीनेशन के ट्रायल में शामिल होने का मन बनाया और इस बात से अपने अभिभावकों को अवगत कराया.
सत्यम ने बताया कि क्योंकि उनकी मां भी जब पटना एम्स में बड़े लोगों के लिए वैक्सीनेशन का ट्रायल शुरू हुआ था, तो वॉलिंटियर बनी थीं. इसलिए उन्होंने भी अपने मां के पद चिन्हों पर चलते हुए बच्चों के वैक्सीनेशन ट्रायल में वॉलिंटियर करने का निर्णय लिया.
"वैक्सीन लेने के बाद मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं और मुझे कोई समस्या नहीं हुई. लोग अपनी बारी आने पर वैक्सीनेशन अवश्य कराएं. वैक्सीनेशन से ही हम कोरोना को हरा सकते हैं"- सत्यम सिंह, वॉलिंटियर
"पटना एम्स में जब 18 प्लस का वैक्सीनेशन ट्रायल शुरू हुआ था. तब बतौर चिकित्सक वह समाज के प्रति नैतिक, सामाजिक और मेडिकल दायित्वों को ध्यान में रखते हुए ट्रायल में शामिल हुई थीं. ताकि लोगों में ट्रायल में शामिल होने को लेकर हिम्मत बढ़े और जल्द से जल्द ट्रायल कंप्लीट हो और वैक्सीनेशन को मंजूरी मिले. ट्रायल समय पर कंप्लीट भी हो गया और देशभर में वैक्सीनेशन की मंजूरी भी मिल गई"-डॉ. वीणा सिंह, विभागाध्यक्ष, प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट, एम्स
जानकारी देतीं विभागाध्यक्ष डॉ. वीणा सिंह वैक्सीनेशन ट्रायल में लिया हिस्सा
डॉ. वीणा सिंह ने कहा कि जब बच्चों के वैक्सीनेशन ट्रायल शुरू होने की बात आई, तब घर में मैंने इस बात को रखा. जिसके बाद बच्चों ने ट्रायल में शामिल होने को लेकर इच्छा जताई.
इसके बाद मेरे बड़े बेटे सत्यम ने वैक्सीनेशन ट्रायल में हिस्सा लिया और जो छोटा बेटा है वह 6 से 12 साल के एज ग्रुप का है. वह भी ट्रायल में शामिल होने को लेकर बेचैन है. ऐसे में जब 6 से 12 साल के बच्चों पर वैक्सीनेशन ट्रायल शुरू होगा तो वह भी शामिल होगा.
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कई प्रकार की गलत भ्रांतियां
विभागाध्यक्ष डॉ. वीणा सिंह ने कहा कि अभी भी प्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां सामने आ रही हैं. मैं समाज को यह संदेश देना चाहती हूं कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है. देश में करोड़ों लोग वैक्सीन ले चुके हैं और सभी स्वस्थ हैं. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. अपनी बारी आने पर अवश्य वैक्सीनेशन कराएं. ताकि खुद को और पूरे परिवार को सुरक्षित रख सकें.