पटना:बिहार सरकार कोरोना (Covid-19) की तीसरी लहर से निपटने को लेकर युद्ध स्तर तैयारी शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग ( Bihar Health Department ) का एक्शन प्लान तैयार है. जिसे लेकर हर दिन समीक्षा की जा रही है. बता दें कि दूसरी लहर के दौरान राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी. जिस लेकर विपक्षी दलों ने खूब हाय तौबा मचाया था. जिससे सीख लेते हुए नीतीश सरकार ने तीसरे लहर से बचने के लिए फुलप्रूफ तैयारी का दावा कर रही है.
ये भी पढ़ें : कोरोना की तीसरी लहर में सुरक्षा के लिए वैक्सीन जरूरी: डॉ दिवाकर तेजस्वी
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को लेकर नीतीश सरकार ने अगले छह महीने में छह करोड़ लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है. जिसे लेकर सभी जिलों में टीका एक्सप्रेस वाहन के जरिए लोगों को टीकाकरण किया जा रहा है. वहीं सुदुर ग्रामीण इलाकों में नाव के जरिए टीकाकरण की व्यवस्था की गई है. सभी अस्पतालों में युद्ध स्तर ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है.
'अगस्त महीने के अंत तक तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इस बार ऑक्सीजन की कमी भी नहीं होगी. सभी अस्पतालों में फुलप्रूफ तैयारी की जा रही है. अब जो व्यवस्था की होगी वो पूरी तरह स्थायी होगी.':- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
इसे भी पढ़ें:Corona Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर से कैसे लड़ेगा बिहार, स्वास्थ्य मंत्री ने बताया पूरा प्लान
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि राज्यभर में लोगों का टीकाकरण कराया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने कई तरह के कदम उठाए हैं. आने वाले दिनों में टीके की उपलब्धता जैसे-जैसे बढ़ेगी वैसे-वैसे हम टीकाकरण में तेजी लाएंगे. वहीं, टीका एक्सप्रेस के जरिए लोगों को वैक्सीनेशन के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर हम तीसरे लहर को टाल सकते हैं.
कोरोना की तीसरी लहर को नीतीश सरकार की तैयारी बता दें कि दूसरी लहर से सबक सीखते हुए सरकार ने सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी बुनियादी ढांचे और उपकरणों की व्यवस्था करना शुरू कर दिया है. जिससे एक भी मरीज को परेशानी नहीं हो. 24 घंटे ऑक्सिजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी अस्पतालों में क्रायोजेनिक ऑक्सिजन टैंक लगाए जा रहे हैं.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने राज्य के सभी 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में 2000 से 5000 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता के ऑक्सिजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करना शुरू कर दिया है. एम्स पटना को ऐसा एक प्लांट पहले ही मिल चुका है. विभिन्न अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सिजन पाइपलाइन भी लगाई जा रही है. उद्योग विभाग पहले ही आठ अस्पतालों में ऑक्सिजन रिफिलिंग प्लांट लगा चुका है और और सूबे के और अस्पतालों में ऐसे प्लांट लगाने की प्रक्रिया चल रही है.