पटना: देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल की 109वीं जयंती पर आज फतेहाबाद में सम्मान दिवस रैली (Samman Diwas Rally in Fatehabad) शुरू हो चुकी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने ओम प्रकाश चौटाला को चरण स्पर्श करते हुए पूरे देश के विपक्ष को एकजुट होने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष एकजुट हो गया तो 2024 में बीजेपी के जीतने का सवाल ही नहीं वो बुरी तरह से पराजित होंगे.
ये भी पढ़ें- हरियाणा की रैली में बोले तेजस्वी-'यहां बैठा हर शख्स संविधान और देश को बेचने से बचाने आया'
''बिना सीपीआई-सीपीएम और देश भर के अनेक दल को जोड़ना होगा. बिना जोड़े जीत मुश्किल नहीं है. हम सभी को एकजुट होना है. बिहार में 7 दल एक तरफ हैं और बीजेपी अकेली है. उनका कोई जनाधार नहीं है. जो उन्होंने केंद्र से वादा किया उसे पूरा नहीं किया तो हम NDA से अलग हो गए. ओम प्रकाश चौटाला जी देख लीजिए सब लोग एक जुट होने के लिए हाथ उठा दिए हैं.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
बता दें कि कार्यक्रम का आयोजन सुबह 11 बजे शुरू होना था. हालांकि बीच में मौसम के खराब होने की वजह से कार्यक्रम देर से शुरू हुआ. इनेलो की सम्मान दिवस रैली में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, माकपा नेता सीताराम येचुरी, जेडीयू से केसी त्यागी, पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल रैली में मौजूद हैं.
हरियाणा में एकमात्र विधायक पर सिमटी हुई इनेलो इस रैली से तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को जोर दे रही है. इसके लिए देश के 10 बड़े राज्य के भाजपा विरोधी नेताओं को रैली का निमंत्रण दिया गया था. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Punjab Former CM Parkash Singh Badal), महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत तमाम नॉन कांग्रेस नॉन बीजेपी दिग्गजों को रैली में बुलाया गया है.
ताऊ देवीलाल की जयंती पर तमाम विपक्ष के नेताओं का एक मंच पर होना निश्चित तौर पर ही कहीं न कहीं तीसरे मोर्चे के तौर पर देखा जा सकता है. इनेलो नेता अभय चौटाला कह चुके हैं कि जब एक मंच पर सभी नेता आएंगे तब तीसरे मोर्चे की बात बनेगी. वे यह भी कहते हैं कि कांग्रेस को इससे अलग नहीं रखा जा सकता है. इसके लिए भी उदाहरण देते हुए कहते हैं, कि जब चौधरी देवीलाल ने तीसरा मोर्चा बनाया था तब बीजेपी को भी साथ लिया था. वे कहते हैं कि थर्ड फ्रंट बनने की चर्चा पूरे देश में है और उनका भी प्रयास है कि हरियाणा की धरती से सभी नेता चर्चा करके बदलाव की शुरुआत करें.
बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण अत्रे का कहना है कि थर्ड फ्रंट की बातें पहले भी होती रही हैं और अब भी हो रही हैं. थर्ड फ्रंट ना पहले सिरे चढ़ा था ना अब सिरे चढ़ेगा. वे कहते हैं कि अभी थर्ड फ्रंट को लेकर कोई बात करना जल्दबाजी होगी. जिस तरह आज के दौर में विपक्ष के हालात हैं उसे देखते हुए इसकी उम्मीद कम ही की जानी चाहिए कि वे एक झंडे के नीचे एक साथ खड़े हो.