पटनाः कोरोना महामारी के नियंत्रण एवं बचाव हेतु सरकारी व्यवस्थाओं की पटना हाईकोर्ट द्वारा मॉनिटरिंग हो रही हैं. शिवानी कौशिक व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. राज्य सरकार द्वारा मई महीने की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई.
सोमवार को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में इस पर सुनवाई के दौरान बताया गया कि बक्सर में एक भी RT-PCR लैब नहीं है. सैंपल को जांच के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस अस्पताल बिहटा भेज दिया जाता है. इस मामले में 2 जून को विस्तृत सुनवाई होगी.
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मई में हुए 69,981 टेस्ट
रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य में दिनांक 13 मई से लेकर 27 मई के बीच 15 दिनों में करीब 19 लाख कोरोना टेस्ट किए गए. बक्सर जिले में मई माह में 69,981 (27 मई तक) टेस्ट हुए, जिसमें कुल 2076 लोग कोविड संक्रमित पाए गए. रिपोर्ट के मुताबिक बक्सर में 2.97 प्रतिशत पॉजिटिविटी दर रही.
बढ़ाया जा सकेगा टेस्ट
बिहार सरकार ने रिपोर्ट में कहा है कि राज्य के हर जिले में कोरोना जांच कराने के लिए मोबाइल टीम गठित की गई है. इससे आरटीपीसीआर और रैपिड ऐंटिजन टेस्ट को और भी सक्रिय तरीके से बढ़ाया जा सकेगा.
जांच बढ़ाने को लेकर हो रहा काम
पिछली सुनवाई में स्वास्थ्य विभाग से जिलेवार कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट तलब की गई थी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोर्ट को हलफनामा के माध्यम से 27 मई तक की रिपोर्ट दी गई. सरकार ने बताया कि बिहार में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है.
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