पटनाःमहंगाई डायन सभी को खा रही है. महंगाई का असर पूरे देश के साथ-साथ बिहार (Inflation in Bihar) में भी है. लेकिन यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं बन पा रहा है. सोशल मीडिया और एकाध धरना प्रदर्शन (Protest Against Inflation) के अलावा विपक्ष की तरफ से भी कोई बड़ा अभियान इसके लिए नहीं चलाया जा रहा है. वहीं केंद्र और बिहार सरकार (Bihar Government) में महत्वपूर्ण भागीदार बीजेपी (BJP) की सहयोगी जदयू (JDU) भी न तो खुलकर विरोध कर रही है और ना ही खुलकर समर्थन कर रही है. आखिर महंगाई को लेकर यह कौन सी सियासत (Politics in Bihar) है.
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पिछले 2 महीने में दो बार गैस सिलेंडर का दाम बढ़ चुका है. पेट्रोल की कीमत 100 के पार पहुंच चुकी है. कई खाद्य पदार्थ की कीमत में भी 2019 के मुकाबले लगभग 2 गुना की वृद्धि हो चुकी है. विशेषज्ञ भी कहते हैं कि महंगाई लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है. लेकिन न तो केंद्र सरकार और ना ही राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर दिख रही है.
पेट्रोलियम पदार्थ में लगातार हो रही वृद्धि के कारण इसका असर सभी क्षेत्रों पर पड़ा है. जुलाई में संसद सत्र के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से यह बताया गया कि जनवरी से लेकर जुलाई तक 63 बार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़े हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों का खजाना तो भर रहा है लेकिन लोगों की मुश्किल लगातार बढ़ रही है. उस पर विपक्ष इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना नहीं पा रहा है केवल सोशल मीडिया और कुछ धरना प्रदर्शन तक ही मामला सीमित रह जा रहा है.
'विपक्ष ही सड़क से सदन तक इस मामले को उठा रहा है. लेकिन सरकार गूंगी बहरी है, सुन ही नहीं रही है.'-मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता
'महंगाई तो पूरे देश का मुद्दा है. नीश्चित तौर पर हमारे देश के पीएम और हमारे सीएम इस मामले पर गौर कर रहे हैं. कुछ ही दिनों के बाद यह मामला शांत हो जाएगा.'-विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
बता दें कि सहयोगी जदयू केंद्र और बिहार दोनों में सरकार में है. जदयू भी ना तो खुलकर विरोध कर पा रही है और ना ही समर्थन कर रही है. पार्टी प्रवक्ता भी महंगाई नियंत्रण की बात कहते हुए बस चिंता जाहिर कर दे रहे हैं.
'केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर महंगाई पर नियंत्रण करना चाहिए. ऐसे हमारे नेता इस मामले पर पहले भी चिंता जाहिर करते रहे हैं.'-अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता