पटना:पूर्व केंद्रीय मंत्री सह आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने रविवार सुबह दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. उनके निधन से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई. शाम को उनका पार्थिव शरीर पटना विधानसभा लाया गया. वहीं, सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए, कुछ महीने पहले की हुई मांगों को पूरा करने की बात कही है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने मनरेगा के तहत मांग की थी. उन्होंने कहा था कि सरकार को रोजगार गारंटी कानून के तहत खेती और किसानी को भी लाना चाहिए, ताकि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिले. सीएम नीतीश कुमार ने उनको श्रद्धांजलि देने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह की 'मनरेगा' समेत कई मांगों को पूरा करने की बात कही.
देखें, रघुवंश प्रसाद सिंह ने की थी मांग 'उनकी स्मृति के लिए सब कुछ किया जाएगा'
सीएम नीतीश कुमार रघुवंश प्रसाद सिंह को श्रद्धांजलि देने विधानसभा पहुंचे थे. इस दौरान रघुवंश प्रसाद सिंह की मांग को लेकर सीएम ने कहा कि मनरेगा केंद्र सरकार के अधीन में है. रघुवंश जी के एक मामले को भेज दिया है, दूसरा मामला सिंचाई विभाग से संबंधित है. उसे पूरा किया जाएगा. पीएम मोदी ने खुद इस बात की चर्चा की है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी स्मृति के लिए सब कुछ किया जाएगा.
'रोजगार गारंटी कानून में शामिल हो खेती'
रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा था कि अगर बिहार में रोजगार और कारखाने होते तो इतनी बड़ी संख्या में लोग नौकरी और मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाते. वहीं, मौके पर उन्होंने मनरेगा को एक बेहतरीन योजना बताते हुए कहा कि ऐसे वक्त में यह योजना बहुत काम की है. सरकार को रोजगार गारंटी कानून के तहत खेती और किसानी को भी लाना चाहिए, ताकि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिले.
क्या बोले थे रघुवंश प्रसाद सिंह
रघुवंश प्रसाद सिंह ने दिल्ली एम्स से ही सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने मनरेगा सहित कई मांग रखी थी. उन्होंने लिखा था कि मनरेगा कानून में सरकारी और एससी-एसटी की जमीन में काम होगा, उसका क्या प्रबंध है? उस खंड में आम किसानों की जमीन में भी काम होगा, जोड़ दिया जाए. इस आशय का अध्यादेश तुरंत लागू कर आनेवाले आचार संहिता से बचा जाए. किसानों की जमीन को रकबा के आधार पर मजदूरों की संख्या को सीमित रखा जाए. मजदूरी में आधी सरकार और आधी मजदूरी किसान भी दे. यह काम छूट गया था. इसे करा दें.'
रघुवंश प्रसाद सिंह की दूसरी मांग
वैशाली जनतंत्र की जननी है. विश्व का प्रथम गणतंत्र है, लेकिन इसके लिए सरकार ने कुछ नहीं किया है. इसलिए मेरा आग्रह है कि झारखंड राज्य बनने से पहले 15 अगस्त को मुख्यमंत्री पटना में और 26 जनवरी को रांची में राष्ट्रध्वज फहराते थे. इसी प्रकार 26 जनवरी को पटना में राज्यपाल और मुख्यमंत्री रांची में राष्ट्रध्वज फहराते थे. उसी तरह 15 अगस्त को मुख्यमंत्री पटना में और राज्यपाल विश्व के प्रथम गणतंत्री वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराने का निर्णय कर इतिहास की रचना करें. इसी प्रकार 26 जनवरी को राज्यपाल पटना में और मुख्यमंत्री वैशाली गढ़ के मैदान में राष्ट्रध्वज फहराएं. आप 26 जनवरी, 2021 को वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराएं. इस आशय की सारी औपचारिकताएं पूरी हैं. फाइल मंत्रिमंडल सचिवालय में लंबित है. केवल पुरातत्व सर्वेक्षण से अनापत्ति प्रमाण पत्र आना बाकी था, जो आ गया है. आग्रह है कि कृपा कर आप इसे स्वीकृत कर दें.'
रघुवंश प्रसाद सिंह की तीसरी मांग
'गणतंत्र की पहली भूमि वैशाली में झंडोत्तोलन करने, भगवान बुद्ध के भिक्षापात्र को काबुल से मंगवाने और मनरेगा कानून में आम किसानों की जमीन में काम करने का संशोधन अध्यादेश लाया जाय.'