श्रीनगर/भागलपुर: दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के तीन आतंकवादियों में एक गोलगप्पे वाले वीरेंद्र पासवान (Virendra Paswan) की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादी भी शामिल है. कश्मीर पुलिस ने आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी.
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आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने ट्वीट कर लिखा, "मारे गए तीन आतंकवादियों में से एक आतंकवादी की पहचान गांदरबल के मुख्तार शाह के रूप में हुई है, जो बिहार के एक रेहड़ी वाले वीरेंद्र पासवान की हत्या करने के बाद शोपियां चला गया था."
दरअसल, दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के तुलरान इमाम साहब इलाके में सोमवार शाम आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में लश्कर के तीन आतंकवादी मारे गए.आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम द्वारा इलाके को घेरने और आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष जानकारी के आधार पर तलाशी अभियान शुरू करने के बाद हुई.
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के लालबाजार में हुए आतंकी हमले (Terrorist Attack) में जगदीशपुर के रहने वाले वीरेंद्र पासवान की मौत (Virendra Paswan Died) हो गई थी. वैसे तो उनका अंतिम संस्कार बिहार में होना चाहिए था पर बदनसीबी देखिए कि अंत में अपनी मिट्टी भी नहीं नसीब हुई.
पैसों की कमी की वजह से वीरेंद्र पासवान के परिजन उनके शव को भागलपुर नहीं ला सकें. जबकि बताया जा रहा है कि श्रीनगर प्रशासन से एयरलिफ्ट की सुविधा मिली थी. हालांकि, ये भी सच है कि वीरेंद्र पासवान के परिवार से किसी ने बिहार सरकार से संपर्क नहीं किया. शायद वे लोग संपर्क करते तो इस बात का मलाल नहीं रहता. मगर ये भी हकीकत है कि बिहार के सरकारी अमला ने किसी तरह की पहल नहीं की.
इस मामले में भागलपुर डीएम ने कहा है कि परिजनों की सहमति के बाद श्रीनगर में अंतिम संस्कार किया गया था. वहीं, वीरेंद्र पासवान की पत्नी ने भागलपुर डीएम पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. वीरेंद्र पासवान की पत्नी का कहना है कि वो अपने पति के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करना चाहती थी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की.
''हमलोग तो चाहते थे कि मेरे पति का अंतिम संस्कार यहां पर हो. ना तो कोई यहां आया है, कोई पूछने वाला नहीं है. कोई मदद करने नहीं आया है. मेरे पति की मौत हो गयी. मैं उन्हें देख तक नहीं पायी. मेरी अंतिम इच्छा थी कि उन्हें देख सकूं. लेकिन अब मैं अपने पति को कहां देख सकती हूं. डीएम साहब ना यहां आए हैं और ना ही बात की है. वह झूठ बोल रहे हैं. मेरे पास पैसा नहीं था इसलिए यहां पर मैं अपने पति के शव को नहीं मंगा पायी. यह जिंदगी भर के लिए पछतावा रहेगा.''- पत्नी, मृतक वीरेन्द्र पासवान
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में हिंसा में कई नागरिकों को निशाना बनाया गया है, जिसमें बिहार के एक गोलगप्पे विक्रेता वीरेंद्र पासवान को 5 अक्टूबर को आतंकवादियों ने मार डाला था, इसके अलावा मशहूर कश्मीरी केमिस्ट एम.एल. बिंदरू और मोहम्मद शफी, बांदीपुर के एक नागरिक को भी आतंकवादियों ने मार दिया था.
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