पटनाः पुलवामा हमले के बाद यूपी-बिहार के युवाओं को आतंकी संगठन में जोड़ने की साजिश चल रही है. ये खुलासा 15 जनवरी को दिल्ली में एनआईए (NIA) की दाखिल एक चार्जशीट में हुआ है. जिसमें 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. एनआईए को तफ्तीश के दौरान ये जानकारी मिली थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के इशारे पर एक साजिश के तहत आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम बदलकर उसी की तर्ज पर लश्कर-ए-मुस्तफा को तैयार किया गया, जो यूपी-बिहार के युवाओं को संगठन में जोड़ने के लिए उन्हें टारगेट कर रहे हैं.
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दरअसल पाकिस्तान के आतंकियों द्वारा साल 2019 में पुलवामा हमला के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए लश्कर-ए-मुस्तफा नाम का एक मुखौटा संगठन बनाया गया था. इस आतंकी संगठन ने एक साजिश के तहत जम्मू कश्मीर के साथ-साथ यूपी-बिहार के युवाओं को भी भर्ती करने की योजना बनाई. बिहार के गरीब लड़कों को पैसों का लालच देकर और उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर उसे जिहादी बनाया गया.
इस आतंकी संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा को बनाने के बाद उसका प्रमुख हिदायत उल्लाह मालिक उर्फ हसनैन को बनाया गया था. जो सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला करने वाली टीम का सदस्य था. पुलवामा हमला के दौरान और उसके बाद वो सीधे पाकिस्तान में रहने वाले आतंकी मौलाना मसूद अजहर के भाई मुफ़्ती (अब्दुल ) ,रौफ़ उर्फ असगर सहित जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन के कई बड़े आतंकियों के साथ जुड़ा था.