पटना: महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले चार लेन पुल के लिए देश की 7 नामी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है. पिछले महीने 31 जुलाई को सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से निविदा खोली गई. उसमें टाटा सहित सातों कंपनियों के नामों का खुलासा हुआ है. कंपनियों के तकनीकी मूल्यांकन का काम किया जा रहा है. इसके बाद चार लेन पुल बनाने की जिम्मेवारी देश की सातों कंपनियों में से किसी एक को दी जाएगी.
गौरतलब हो कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले पुल का टेंडर रद्द कर दिया था क्योंकि यह टेंडर चाइनीज कंपनियों के साथ पार्टनरशिप वाली भारतीय एजेंसियों के पास था. मंत्रालय ने टेंडर रदद्द करने की सूचना देते हुए फिर से रिटेंडर में शामिल होने की बात कही थी. पहले निर्माण के लिए चयनित सात एजेसियों में से दो ने चीनी कंपनी को अपना पार्टनर बनाया था. चीन से विवाद होने के बाद केन्द्र सरकार ने फैसला लेते हुए फिर से रिटेंडर कर दिया था.
गांधीसेतु समानांतर पुल के लिए आगे आईं देश की ये कंपनियां
- टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड
- एलएनटी लिमिटेड
- गैमन इंजिनियर्स एंड कॉन्ट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड
- एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड
- डीबीएल एचसीसी संयुक्त उपक्रम
- एबीएल अभ्रासकौन संयुक्त उपक्रम लिमिटेड
- एफ कॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
एक नजर निर्माण कार्य और लागत पर
केंद्र सरकार की ओर से तय है इन्हीं कंपनियों में से किसी एक को गांधी सेतु पुल बनाने की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी. गांधी सेतु के समानांतर चार लेन में बनने वाले पुल की कुल लागत 2926.2 करोड़ है. इस पुल को 3 साल 6 महीने में पूरा कर लेना है. पुल 5.63 किलोमीटर लंबा होगा, इसके साथ एप्रोच रोड की कुल लंबाई 14.50 किलोमीटर होगी. पुराने और नए प्रस्तावित पुल के बीच की दूरी 29 मीटर होगी. पुल में कुल 37 पाया बनाए जाएंगे और दोनों तरफ के एप्रोच पथ की लंबाई 8 लेन की जाएगी. इसमें चार लेन पुल का होगा और चार लेन नए पुल का होगा.