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किराया वसूलने पर तेजस्वी यादव का हमला- जानबूझकर बनाया जटिल नियम - नीतीश सरकार

बता दें कि बाहर से लौटने वाले सभी प्रवासियों को किराया समेत कम से कम एक हज़ार रुपए दिए जाएंगे. मगर, यह राशि 21 दिनों के क्वॉरेंटाइन पीरियड के बीत जाने के बाद दी जाएगी. इसको लेकर तेजस्वी ट्वीट के जरिए बिहार सरकार को लगातार घेर रहे हैं.

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Published : May 10, 2020, 7:30 PM IST

पटना: केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद देश के अलग-अलग राज्यों से प्रवासी श्रमिकों के बिहार आने का सिलसिला जारी है. लेकिन फंसे हुए लोग अपने खर्चे पर ही वापस आ रहे हैं और किराया भी ख़ुद ही वहन कर रहे हैं. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव प्रवासी मजदूरों की वापसी को लेकर लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर हैं.

बता दें कि बाहर से लौटने वाले सभी प्रवासियों को किराया समेत कम से कम एक हज़ार रुपए दिए जाएंगे. मगर, यह राशि 21 दिनों के क्वॉरेंटाइन पीरियड के बीत जाने के बाद दी जाएगी. इसको लेकर तेजस्वी ट्वीट के जरिए बिहार सरकार को लगातार घेर रहे हैं. रविवार को तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके एक बार फिर नीतीश कुमार सरकार पर हमला किया. तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा, 'सरकार बाहर फंसे मज़दूरों को वापस नहीं लाना चाहती इसलिए 47 दिन से वेतन और राशन के अभाव में भूख से मर रहे श्रमिकों को पहले किराया भी नहीं देंगे और ना ही उन्हें भेजने वाली सरकारों को पहले पे करेंगे. वो ना आ सके इसलिए जानबूझकर जटिल नियम बनाया है. नेता प्रतिपक्ष ने आगे लिखा, 'सरकार कहती है कि 47 दिन से बिना वेतन और राशन के दूसरे प्रदेशों में मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, आर्थिक और भावनात्मक शोषण के शिकार श्रमिक किसी से उधार लेकर अपना किराया दें, फिर हम उन्हें 21 दिन क्वारंटाइन करेंगे. उसके बाद उन्हें किराया देंगे.'

'क्वॉरेंटाइन सेंटरों में असुविधा'
बता दें कि, बिहार के कई मजदूर दूसरे राज्यों में रहकर मजदूरी करते हैं. लॉकडाउन के कारण ये मजदूर अलग अलग राज्यों में फंस गए है और सरकार से लगातार घर वापसी की अपील कर रहे है. वहीं सरकार की तरफ़ से जारी आदेश के अनुसार बाहर से लौटने वाले लोगों को होम क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा. होम क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरा करने के बाद ही उन्हें सरकारी मदद मिलेगी. तेजस्वी यादव ने लिखा कि, 'अब महत्वपूर्ण बात यह है कि 90 फ़ीसदी क्वॉरेंटाइन सेंटरों में खाने-पीने, साफ़-सफ़ाई, बिछावन, शौचालय-पंखे इत्यादि की कोई सुविधा नहीं है. स्थानीय अधिकारियों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से मज़दूरों को मजबूर किया जाता है कि वो वहां से भाग जाए. सरकार के ऐसे पशुवत व्यवहार से तंग होकर अप्रवासी श्रमिक वहां से भाग भी रहे है. इसी बहाने सरकार मज़दूरों को कथित किराया और 500 रू अतिरिक्त देने की राशि बचाती है. लेकिन दूसरी तरफ़ कुछ अधिकारी 21 दिन क्वारंटाइन के नाम पर मज़दूरों के आवासन और भोजन व्यवस्था इत्यादि पर प्रति व्यक्ति 24,000 रुपए की निकासी कर संगठित सुशासनी भ्रष्टाचार रूपी गंगा में डुबकी लगा रहे है.'

मीडिया पर पाबंदि को लेकर साधा निशाना
इसके साथ ही क्वॉरेंटाइन सेंटरों में मीडिया कर्मियों के जाने पर पाबंदी को लेकर भी तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा कि, 'आदरणीय नीतीश जी ने क्वारंटाइन केंद्रों में मीडिया का प्रवेश इसलिए वर्जित किया है ताकि उनका झूठ, लूट, कुशासन, अव्यवस्था और भ्रष्टाचार उजागर नहीं हो सके अन्यथा मीडिया पर रोक का क्या मतलब? अगर आप अच्छा कर रहे है तो मीडिया ज़रूर अच्छा दिखाएगा। नीतीश जी, आप पूर्णतः बेनक़ाब हो चुके है.'

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