पटना:राष्ट्रीय जनता दल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संभवत यह पहला मौका होगा, जब मकर संक्रांति के अवसर पर भोज का आयोजन होगा और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (RJD President Lalu Yadav) इस मौके पर उपस्थित नहीं होंगे. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस भोज को इसलिए भी दे रहे हैं, क्योंकि हाल ही में लालू की किडनी का सफल प्रत्यारोपण हुआ है. जिससे आरजेडी परिवार में खुशियां दोगुनी है. इस साल भी 14 जनवरी को मकर संक्राति का पर्व मनाया जाएगा.
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राबड़ी आवास पर दही चूड़ा का भोज:हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि भोज की तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन 14 या 15 जनवरी में से किसी एक दिन इस भोज को आयोजित किया जा सकता है. मकर संक्रांति के अवसर पर बिहार में भोज का आयोजन करीब-करीब हर पार्टी की तरफ से किया जाता है और इसमें पार्टी के नेताओं, विधायकों, सांसदों और कार्यकर्ता को भी आमंत्रित किया जाता है. चूकि तेजस्वी अभी डिप्टी सीएम है और लालू यादव देश के बाहर हैं. ऐसे में इस भोज के आयोजन होने की खबर सामने आते ही सबकी निगाहें अब राबड़ी आवास की तरफ टिक गई है.
लालू का दही चूड़ा भोज:दरअसल लालू यादव जब बिहार के सीएम हुआ करते थे, तब उनके आवास पर सभी पर्व धूमधाम से मनाया जाता था. होली की तरह ही मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा का भोज भी काफी चर्चित था. राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहने तक कई बार दही-चूड़ा भोज का आयोजन हुआ. जहां उनकी पार्टी के बड़े नेताओं के साथ-साथ सहयोगी और विरोधी दलों के नेताओं का भी जुटान होता था. लालू के दही-चूड़ा भोज में गया से तिलकुट और भागलपुर से कतरनी चूड़ा मंगाया जाता था.
लालू के जेल जाने के बाद धीरे-धीरे छठ और होली की तरह ही मकर संक्रांति की भी रौनक धीमी पड़ती गई. हालांकि साल 2015 में मकर संक्रांति पर जबर्दस्त चहलपहल दिखी. उस साल आरजेडी और जेडीयू के बीच गठबंधन के बाद लालू आवास पर सीएम नीतीश कुमार भी पहुंचे थे. तब बिहार विधानसभा चुनाव में जीत की भविष्यवाणी कर लालू ने नीतीश को दही से विजयश्री का टीका लगाया था. जिसकी खूब चर्चा रही थी.