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शुक्रवार को CM नीतीश से होगी तेजस्वी की मुलाकात, इस मुद्दे पर होगी बात - RJD-JDU united on caste census

जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर बिहार में जहां आरजेडी और जेडीयू एकजुट है, वहीं बीजेपी इसके पक्ष में नहीं है. ऐसे में शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार से तेजस्वी यादव की मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है.

Tejashwi Yadav
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Published : Jul 29, 2021, 6:54 PM IST

Updated : Jul 29, 2021, 7:47 PM IST

पटना: बिहार में जारी सियासी गहमागहमी के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मिलेंगे. सीएम की ओर से मुलाकात के लिए दोपहर एक बजे का वक्त दिया गया है. दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर बात होने की संभावना है.

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विधानमंडल के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में विभिन्न मुद्दों को लेकर जारी घमासान के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से होने वाली मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि मुलाकात की वजह जातीय जनगणना (Caste Census) बताई जा रही है. माना जा रहा है कि तेजस्वी इस मुद्दे पर सीएम से मिलकर अपनी बात रखेंगे.

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मानसून सत्र के पहले दिन ही तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा था कि विधानसभा से पहले भी दो बार जातिगत जनगणना कराए जाने का सर्व सहमति से प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार को भेजा गया है, इसलिए एक बार फिर से यह प्रस्ताव विधान सभा से केंद्र सरकार को भेजा जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. पूरा सदन इस मुद्दे पर उनके साथ है.

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तेजस्वी और आरजेडी का मानना है कि अगर जातिगत जनगणना नहीं कराई जाती है तो पिछड़े अति पिछड़े हिंदुओं के आर्थिक और सामाजिक प्रगति का सही आकलन नहीं हो सकेगा. जातीय जनगणना कराने के लिए बिहार विधानसभा की एक उच्च स्तरीय सर्वदलीय कमेटी प्रधानमंत्री से मिलकर अनुरोध करें. यदि भारत सरकार अड़ियल रवैया अपनाते हुए जातिगत जनगणना नहीं कराती है तो बिहार सरकार अपने संसाधनों से राज्य में जातीय जनगणना कराए, जिससे राज्य में रहने वाले सभी वर्ग के आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति का सही पता चल सके.

आपको बताएं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कई बार जातीय जनगणना की मांग कर चुके हैं. हाल में भी उन्होंने कहा था कि हम लोगों का मानना है कि जनगणना जाति आधारित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार विधान मंडल ने 18 फरवरी 2019 को और बिहार विधानसभा ने 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से यह जातीय जनगणना का प्रस्ताव पास किया था. नीतीश कुमार ने कहा कि यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, केंद्र सरकार को इस संबंध में पुनर्विचार करना चाहिए.

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हालांकि जातीय जनगणना पर बीजेपी का बयान थोड़ा अलग आ रहा है. बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बने, लेकिन जातीय जनगणना ना हो. बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया है कि 2021 की जनगणना के साथ केंद्र सरकार केवल एससी-एसटी वर्ग के लोगों की गिनती कराने के पक्ष में है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद बिहार में सियासत तेज है.

Last Updated : Jul 29, 2021, 7:47 PM IST

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