पटनाः बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिष्ठा दांव पर है. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह लगातार भाजपा के चुनावी कैंपेन के जरिए टीएमसी के सत्ता से बाहर होने का दावा कर रहे हैं. बंगाल में 3 चरणों के चुनाव के बाद चौथे और पांचवें चरण में बंगाल और बिहार की सीमा से लगे हिंदी भाषी इलाकों में तृणमूल कांग्रेस के मतदाताओं को लुभाने की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव को दी गई है.
चुनाव प्रचार भले ही बंगाल में हो रहा हो लेकिन बिहार की सियासत में तेजस्वी के चुनाव प्रचार को लेकर खासी उत्सुकता और सरगर्मी है. क्या हिंदी भाषी इलाकों में तेजस्वी इंपैक्ट काम आएगा.
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बिना शर्त दिया है समर्थन
बंगाल में चौथे पांचवे चरण में जिन इलाकों में चुनाव होने हैं, उनमें से कई हिंदी भाषी बहुल इलाके हैं. वहां बड़ी संख्या में बिहार और यूपी के लोग रहते हैं. बंगाल बिहार की सीमा पर बसे इन इलाकों को चिकन नेक भी कहते हैं. राष्ट्रीय जनता दल भले ही बंगाल चुनाव में खुद चुनाव नहीं लड़ रही लेकिन ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को राजद ने बिना शर्त समर्थन दिया है.
अलग-अलग जगहों पर होगी चुनावी सभा
4 अप्रैल को तेजस्वी यादव ने कोलकाता के खिदिरपुर में एक चुनावी सभा को सबोधित किया था. उसके बाद लगातार भिन्न-भिन्न इलाकों में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे. राजद नेताओं का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार तेजस्वी यादव को अपने-अपने इलाकों में चुनाव प्रचार के लिए बुला रहे हैं.
बंगाल में फिर बनेगी ममता बनर्जी की सरकार
'एक बार फिर ममता बनर्जी की सरकार बंगाल में बनने वाली है. तेजस्वी यादव की डिमांड सिर्फ बिहार यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में है. हर जगह लोग चाहते हैं कि तेजस्वी यादव आएं और वहां उनकी चुनावी सभा हो. क्योंकि वह युवाओं के आइकॉन हैं.'-श्याम रजक, राष्ट्रीय महासचिव, राजद