पटना:बिहार में जहरीली शराब (Tejashwi Yadav On liqour death in bihar) से हुई कई मौतों पर तेजस्वी ने नीतीश सरकार (Tejashwi Yadav On Nitish Government ) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रही है. गलती को छुपाने का काम प्रशासन कर रहा है. आखिर ऐसे में मामलों में पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं होता है. अगर पोस्टमॉर्टम हो तो ऐसे मामले उजागर हो जाएंगे.
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वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav Health news) के दिल्ली एम्स से डिस्चार्ज के मुद्दे पर तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू यादव की तबीयत रांची में खराब हो गई थी, जिस कारण से डॉक्टरों की टीम ने उन्हें दिल्ली एम्स में रेफर किया गया था. दिल्ली जाने के दौरान भी उनकी तबीयत और भी खराब हुई. अब एम्स में उनका इलाज चल रहा है. एम्स में पहले भर्ती ना लेने पर आरजेडी नेता ने कहा कि डॉक्टर रिपोर्ट देखकर भर्ती ले रहे हैं उसमें कोई दिक्कत नहीं है. साथ ही उन्होंनेजहरीली शराब से मौत(death due to poisonous liquor in bihar) को लेकर भी सरकार के आड़े हाथों लिया.
बेटे तेजस्वी ने दी लालू की सेहत की जानकारी: तेजस्वी ने लालू यादव के एम्स में भर्ती होने पर कहा कि 'लोगों में कंफ्यूजन है ऐसी कोई बात नहीं है. रिम्स में क्रिएटिनिन की जो मात्रा थी वो लगभग 4.5 थी. जब दिल्ली एम्स में चेक किया गया तो यह 5.1 हो गया. जब दोबारा जांच की गई तो क्रिएटिनिन 5.9 हो गया. बड़ी तेजी से इंफेक्शन बढ़ा था. अभी लालू जी एम्स में हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है. एम्स में पहले भर्ती ना लेने पर कंफ्यूजन हुआ था. पेपर वर्क होता है, वो सब अलग चीजें हैं. हमें चिंता इस बात की थी कि तेजी से उनका इंफेक्शन बढ़ा है. फिलहाल इलाज जारी है.'
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'अ'पूर्ण शराबबंदी के 6 साल:बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं. इन 6 सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी कानून तोड़ने की खबर ना आई हो. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. होली पर जहरीली शराब पीने से अलग-अलग जिलों में अब कर 41 मौत हो चुकी हैं, साथ ही 24 से ज्यादा लोगों का इलाज जारी है. इनमें कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.
भागलपुर में 22 लोगों की संदिग्ध मौत: भागलपुर जिले में 22 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. जिले में विश्विद्यालय थाना क्षेत्र और नवगछिया के भवानीपुर ओपी थाना क्षेत्र में शराब से ज्यादातर मौतें हुईं हैं. दर्जनभर से ज्यादा लोग यहां बीमार हैं. जहरीली शराब से मौत और दर्जनों लोग के बीमार होने की सूचना से पूरे इलाके में अभी भी खलबली मची हुई है. प्रशासन ये जानने में जुटा है कि इतनी संख्या में हुई मौत की असल वजह जहरीली शराब है या कुछ और?
बांका में 13 लोगों की संदिग्ध मौत: बांका में भी 13 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. परिवार वालों की मानें तो इनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. वहीं पुलिस और प्रशासन की टीम ने डीएम और एसपी के नेतृत्व में जांच की है. प्रशासन की टीम ने पाया कि मौतों की वजह बीमारी है. प्रशासन ने दावा किया है कि ये सभी मौतें बीमारी की वजह से हुईं हैं. खुद प्रशासन की टीम ने मरने वालों के घर पहुंचकर जानकारी इकट्ठा की है. सवाल इस बात का है कि यही प्रशासन जब किसी की मौत होती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार करती है, लेकिन इस मामले में अपनी इंटरनल रिपोर्ट पर भरोसा करके ये कह दिया कि मौत बीमारी से हुई है. फिर सवाल उठता है कि क्या प्रशासन के जांच का आधार 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट' है या 'इंटरनल सर्वे'?
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मधेपुरा में 3 लोगों की संदिग्ध मौत: मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र में एक ही गांव के कई लोग बीमार पड़ गए. जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं. मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है इसकी पुष्टि प्रशासन ने अभी तक नहीं की है.
सिवान में 3 लोगों की संदिग्ध मौत: वहीं, सिवान में भी तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत बताई जा रही है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरावे गांव और छोटपुर गांव के ग्रामीणों ने खरीदकर जहरीली शराब का सेवन किया था. परिवार वालों का आरोप है कि इन सभी की मौत की वजह जहरीली शराब ही है. सिवान में एक मृतक की पत्नी सिंगरीया देवी मीडिया को बोतल दिखाकर बता रही है कि मेरे पति की मौत इस बोतल की शराब पीने से हुई है. वृद्ध महिला ने कहा कि उल्टी हुई, फिर पेट दर्द हुआ, फिर मौत हो गई. पर बार-बार कुरेदने के बाद भी शराब का नाम लेने से डर रही है. इस केस में भी प्रशासन कुछ भी बोलने से बचता दिख रहा है. अभी भी दो लोगों का इलाज जारी है.
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