पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तमाम विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिशों में जुटे हैं. इसी के तहत 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक होगी. इसमें अलग-अलग प्रदेशों के मुख्यमंत्री और गैर बीजेपी दलों के प्रमुख शामिल होंगे. इसी को लेकर वह मंगलवार को तमिलनाडु दौरे पर जाने वाले थे लेकिन खराब तबीयत के कारण नहीं जा सके. हालांकि उनकी गैरमौजूदगी के बावजूद उनका संदेश चेन्नई तक पहुंच गया. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एमके स्टालिन के सामने सीएम का पत्र पढ़ा. जिसमें देशभर के विपक्षी दलों के लिए भी गहरा संदेश छुपा था.
ये भी पढ़ें: Opposition Unity : आखिरकार एमके स्टालिन को मना लिया..? नीतीश ने जो जिम्मेदारी दी उसे तेजस्वी ने निभाया
क्या लिखा था नीतीश के पत्र में?:तेजस्वी यादव ने स्टालिन के सामने नीतीश का पत्र पढ़ा. जिसमें लिखा था, 'आप सब अवगत हैं कि 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक आयोजित की गई है. जिसमें डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन साहब भाग ले रहे हैं. हम विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं. हमारा मानना है कि अगर अधिकांश विपक्षी दल एकजुट होंगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो अगल लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर कर सकेंगे.'
'बिहार में सोशलिज्म-सेक्युलरिज्म और सोशल जस्टिस':वहीं अपने संबोधन में तेजस्वी यादव ने कहा, 'आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में बिहार में सोशलिज्म-सेक्युलरिज्म और सोशल जस्टिस के साथ विकास हो रहा है. यह महत्वपूर्ण है कि हम करुणानिधि के शासन के मॉडल की भावना को राष्ट्रीय स्तर पर आत्मसात करें.'
पटना आएंगे एमके स्टालिन:तेजस्वी ने करुणानिधि कोट्टम के उद्घाटन और तमिलनाडु के पूर्व सीएम करुणानिधि की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद स्टालिन के साथ बैठक की. वहीं इस मुलाकात के बाद स्टालिन ने पटना आने पर अपनी सहमति जता दी है. पहले चर्चा थी कि कांग्रेस के रुख से वह नाराज हैं और आना नहीं चाहते थे.