पटनाः बिहार कैबिनेट से मद्य निषेध एवं उत्पाद संशोधन अधिनियम 2022 को स्वीकृति मिल गई है. इस अधिनियम के तहत शराबबंदी कानून में कुछ बदलाव किये जाएंगे, लेकिन इस बदलाव को भी विपक्ष सही नहीं मान रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव(Tejashwi Yadav on changes in liquor prohibition law) ने राज्य सराकर पर निशाना साधते हुए कहा कि अब इस नए कानून से समाज में अराजकता और ज्यादा बढ़ेगी.
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विधानसभा के बाहर तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अब बताइए जो शराब पीकर के आएंगे, वह बताएंगे कि कहां से लाए थे, तो उस पर कार्रवाई होगी और जिसने पी है उसे छोड़ दिया जाएगा. इसको लेकर उन्होंने मजाकिया अंदाज में उदाहरण देते हुए समझाया कि अगर मेरी दुश्मनी किसी पीने वाले से होगी तो, पीने वाला मेरा नाम लेकर मुझे फंसा देगा.
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'मान लीजिए आलोक मेहता विधायक हमारे साथ हैं, यह शराब पी करके आए और इनकी तेजस्वी यादव से नहीं बनती है. उन्होंने मेरा नाम दे दिया, क्योंकि हम पर कार्रवाई हो जाएगी और इन्हें छोड़ दिया जाएगा. यह बिल्कुल असफल हो चुके हैं और मुख्य मुद्दे से भटकाने की ये रणनीति है, ताकि मुख्य मुद्दे पर कोई बहस नहीं करे'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर चौतरफा हमला बोलते हुए गंभीर आरोप भी लगाए. तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार के मंत्री और अधिकारी नौकरी देने के गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं. सदन में भी गलत आंकड़ा पेश कर सदस्यों को गुमराह किया जा रहा है. राज सरकार पूरी तरीके से भगवान भरोसे चल रही है.
'बिहार में मनरेगा का डाटा फर्जी उपलब्ध कराया गया. बताया गया कि 61 लाख लोगों को काम मिला. वेबसाइट पर 1 करोड़ 53 लाख लोगों ने काम मांगा. सिर्फ 14 हजार लोगों ने 100 दिन काम किया है. अधिकारियों पर कार्रवाई कुछ नहीं हो रही, जो गलत डाटा दे रहे हैं. अधिकारी नेता को बेवकूफ समझ रहे हैं और गलत जवाब पढ़वा रहे हैं'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
बता दें कि बिहार में शराबबंदी को लेकर बार-बार विपक्ष के विरोध और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को देखते हुए राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून में बदलाव का फैसला किया है. इसे लेकर बिहार कैबिनेट से मद्य निषेध एवं उत्पाद संशोधन अधिनियम 2022 को स्वीकृति भी मिल गई है. इस अधिनियम में संशोधन होने के बाद शराब पीते हुए पकड़े जाने पर संबंधित व्यक्ति को एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा. शराब बेचने वाले दुकानदार का नाम बताने पर मामूली फाइन लेकर जमानत दे दी जायेगी. इस नए कानून को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है और इनका कहना है कि सरकार पूरी तरह फैल है. सिर्फ मुख्य मुद्दे से भटकाने के लिए ये सब किया जा रहा है.
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