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NMP को लेकर तेजस्वी का PM मोदी पर तंज, 'आंगन बेचकर घर चलाना कौन सी काबिलियत है साहब?' - केंद्र की मोदी सरकार

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi Yadav) ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम (NMP) को लेकर मोदी सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है. ट्वीट कर पूछा कि जब सब कुछ निजी हाथों में ही बेच दिया जाएगा तो फिर कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा कौन करेगा.

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Published : Aug 25, 2021, 5:57 PM IST

पटना: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम (NMP) को लेकर विपक्ष की ओर से विरोध तेज हो गया है. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi Yadav) ने भी सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है कि आंगन बेचकर किसी तरह घर चलाना कौन सी काबिलियत है, साहब?

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बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि अगर अगर सब कुछ निजी हाथों में बेच दिया जाएगा तो कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा कौन करेगा.

अपने ट्विटर हैंडल पर तेजस्वी ने लिखा, 'केंद्र में बैठे नीम हकीमों ने अच्छी खासी दौड़ रही अर्थव्यवस्था को इतना बीमार कर दिया है कि अब इसका रेंगना भी दूभर हो गया है. अब इसे ज़िंदा रखने के लिए इसी के अंग काट-काटकर देश की संपत्ति ये झोलाछाप निजी हाथों में बेच रहे हैं. आंगन बेचकर किसी तरह घर चलाना कौन सी काबिलियत है, साहब?'

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बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, 'भारत एक अत्यंत सामाजिक आर्थिक असमानता वाला देश है. अगर निजी क्षेत्र, जिसका एकमात्र उद्देश्य अधिकाधिक लाभ कमाना होता है, के हाथों में ही सबकुछ बेच दिया जाएगा तो कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा कौन करेगा? शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, नौकरी... सबकुछ कमज़ोर वर्गों की पहुंच से बाहर हो जाएगा!'

आपको बताएं कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम की शुरुआत की है. इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रूट, स्टेडियम, वेयरहाउस, पावर ग्रिड पाइपलाइन जैसी सरकारी बुनियादी ढांचा संपत्तियों को निजी क्षेत्र को कमाई के लिए लीज पर देकर केंद्र की मोदी सरकार करीब 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है.

वित्त मंत्री ने कहा कि इन एसेट का ओनरश‍िप सरकार के पास ही रहेगा, बस इन्हें कमाने के लिए ही पार्टियों को दिया जाएगा, जिसे वे कुछ साल के बाद वापस कर देंगे. हमारी नीति बेचने के बारे में नहीं है, सख्त वापसी होगी. हालांकि उनके इस तर्क के बावजूद विपक्ष लगातार सरकार की इस नीति की आलोचना कर रहा है.

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