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तमिलनाडु में एक मंच पर विपक्षी नेताओं के साथ दिखे तेजस्वी, साउथ के रास्ते 'गद्दी' की सियासत तेज

तेजस्वी यादव अपने पिता की पुरानी दोस्ती को नये राजनीतिक रिश्ते में तब्दील करना चाहते हैं. तभी तो बिहार में बजट सत्र चल रहा है और वे चेन्नई में हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

चेन्नई में तेजस्वी यादव
चेन्नई में तेजस्वी यादव

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Published : Feb 28, 2022, 10:07 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 10:35 PM IST

पटनाः जब बिहार में बजट पेश किया जा रहा था, उस वक्त तेजस्वी 2 हजार किलोमीटर दूर चेन्नई में थे. मौका था तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की आत्मकथा का विमोचन कार्यक्रम का. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्टालिन की आत्मकथा का विमोचन किया. दक्षिण से मंच पर नेताओं की मौजदूगी ने यूपीए 1 और यूपीए 2 की याद दिला दी. उस वक्त केंद्र में लालू यादव थे. लेकिन अब उनके बेटे उनकी गैरमौजूदगी में साउथ के साथियों को साधने में जुटे हैं. लालू यादव, केसीआर और एमके स्टालिन की दोस्ती की चर्चा पूरे देश में थी. अब उसी रिश्ते को मजबूत करती दिख रही तस्वीर आपके सामने है. चेन्नई की इन तस्वीरों को देख बिहार ही नहीं पूरे देश की राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई है. चर्चा शुरू हो चुकी है कि मुख्यमंत्री की आत्मकथा के विमोचन के बहाने विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी चल रही है. बड़ी बात यह भी है कि बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दूसरी बार साउथ के दौरे पर (Tejashwi Yadav Chennai Visit) हैं. इस बार उनके साथ उनके रणनीतिकार संजय यादव भी मौजूद थे.

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इस कार्यक्रम में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अबदुल्ला चेन्नई ट्रेड सेंटर में मौजूद थे. एक मंच पर विपक्ष के कई बड़े चेहरे को देखकर यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि अब विपक्ष एकजुट होने की तैयारी में है. 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. यह भी अनुमान लगाए जाने लगे हैं कि एक कार्यक्रम के बहाने चुनावों को लेकर रणनीति बनाई जा सकती है. इस मंच की एक बड़ी बात यह भी रही कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने 2020 बिहार चुनाव के बाद पहली बार मंच साझा किया है.

2020 बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और राजद में दरार पैदा हुई थी. जिसका असर बिहार विधानसभा की दो सीटों पर होनेवाले उपचुनाव में भी देखा गया था. जानकारी दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कई बार यह सुझाव दिया है कि भाजपा का मुकाबला करने के लिए कोई भी मोर्चा कांग्रेस को बाहर नहीं कर सकता है.

आपको बताएं कि इससे पहले भी तेजस्वी यादव साउथ का दौरा कर चुके हैं. इससे पहले जनवरी में तेजस्वी यादव बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी और राजद के अन्य नेताओं सुनील सिंह और भोला यादव के साथ स्पेशल फ्लाइट से हैदराबाद पहुंचे थे. वहां उन्होंने तेलंगाना के सीएम केसीआर से भी मुलाकात की थी. इसी मीटिंग में केसीआर के बेटे और तेलंगाना के आईटी मंत्री केटी रामा राव और केसीआर के भतीजे एवं राज्यसभा सांसद जोगिनपल्ली संतोष भी मौजूद थे.

तेजस्वी यादव का चेन्नई दौरा भी हैदराबाद के दौरे से कड़ी जोड़ रहा है. तेजस्वी यादव के हैदराबाद पहुंचने से एक दिन पहले ही सीएम केसीआर ने 9 जनवरी को सीपीआई और सीपीएम के राष्ट्रीय नेताओं से अलग-अलग मुलाकात की थी. वाम नेता भी एक कार्यक्रम के लिए हैदराबाद पहुंचे थे. तेलंगाना में टीआरएस और भाजपा के बीच चल रही टकराव के बीच यह बैठक भी अहम मानी जा रही थी. इसी बीच तेजस्वी की मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति को साउथ की राजनीति से जोड़कर देखा जाने लगा. जहां से विपक्ष की एकजुट होने की सुगबुगाहट झलकने लगी है.

स्टालिन के पुस्तक में आपातकाल का भी जिक्रः मुख्यमंत्री स्टालिन ने रविवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया था कि इस पुस्तक में उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती 23 वर्षों की यात्रा का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा कि पुस्तक में उनके जन्म से लेकर 1976 में आपातकाल के दौरान मीसा (आंतरिक सुरक्षा अधिनियम का रखरखाव) के तहत गई गिरफ्तारी का जिक्र है. उन्होंने इसमें अपने बचपन के विचार, स्कूल की यादें और अपने सभी अनुभवों को दर्ज किया है. इसमें उनके राजनीतिक भागीदारी शुरू होने का समय की बातें भी शामिल हैं. इसके साथ ही पेरियार, अन्नादुरई और करुणानिधि सहित द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक नेताओं द्वारा किए गए संघर्षों का भी उल्लेख किया है.

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Last Updated : Feb 28, 2022, 10:35 PM IST

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