पटना: विधानसभा में विपक्ष के नेता ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षण के 56% और गैर-शिक्षण के 70% पद खाली हैं. योजना मद का आधा हिस्सा खर्च होता है बाकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता है.
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'कागजों में बजटीय राशि खर्च करने के लिए मार्च महीने में सबसे बड़ी लूट होती है. 8-10 वर्षों से सभी विभागों के हजारों-लाखों करोड़ के उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किए गए हैं. क्योंकि विभागों के पास कोई लेखा-जोखा ही नहीं है कि कौन सी राशि किस मद में खर्च की गयी है. भारी लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला है.'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
तेजस्वी की बड़ी बातें:-
- 8-10 वर्ष बाद भी प्रशासन और उनके विभाग उपयोगिता प्रमाण पत्र क्यों नहीं जमा कर पाए हैं.
- अगर सब कुछ पारदर्शी और सही है तो फिर 10-10 वर्षों की देरी क्यों?
- बिहार में भारी लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला है.
- ब्लॉक से लेकर सचिवालय तक भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है.
- हर विभाग के अनुमानित बजट और वास्तविक व्यय में भारी अंतर होता है.
- यह मैं नहीं सीएजी की हर वर्ष की रिपोर्ट कहती है.
- समय मिले तो मुख्यमंत्री जी को विगत 10 वर्षों की सीएजी रिपोर्ट खुद से पढ़नी चाहिए.
- क्या मुख्यमंत्री जी नैतिकता और कर्तव्य बोध की तिलांजलि देकर जनता का पैसा लूटने और लूटवाने के लिए गद्दी पर बैठे हैं?