वर्ल्ड कैंसर डे पर कैंसर से लड़ने की नई शुरुआत पटना : राजधानी पटना में वर्ल्ड कैंसर डे पर अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया. विश्व कैंसर दिवस के मौके पर उड़िया ऑडिटोरियम में बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग और होमी भाभा कैंसर रिसर्च सेंटर के संयुक्त तत्वाधान में ये प्रोग्राम संपन्न हुआ. कार्यक्रम में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Health Minister Tejashwi) ने 38 जिलों के जिला अस्पतालों में कैंसर के स्क्रीनिंग की सुविधा का शुभारंभ किया.
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बिहार में तीन तरह के कैंसर: नई व्यवस्था के तहत ओरल कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर का जिला अस्पताल में ही स्क्रीनिंग के माध्यम से पता लग जाएगा. इसके साथ ही राज्य में सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाइयों की विस्तारित सूची का भी उन्होंने विमोचन किया और एसेंशियल ड्रग लिस्ट में 325 से बढ़कर अब 611 प्रकार की दवाइयां शामिल हो गई है. इसके साथ ही इस कार्यक्रम में एसेंशियल इक्विपमेंट लिस्ट के पुस्तिका का विमोचन किया गया.
जिला अस्पतालों में कैंसर स्क्रीनिंग की सुविधा शुरु: कार्यक्रम को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि कैंसर एक बहुत ही गंभीर बीमारी है, जिसमें लोगों की दर्दनाक मौत होती हैं. कैंसर के इलाज के क्षेत्र में राज्य सरकार लगातार सुविधाएं बढ़ा रही है. इसी कड़ी में प्रदेश के सभी जिला के जिला अस्पतालों में कैंसर के स्क्रीन की सुविधा आज से शुरू की जा रही है. ताकि कैंसर का पता लगाने के लिए मरीजों को दूर सुदूर इलाके से पटना नहीं आना पड़ा. अपने जिला मुख्यालय में ही वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का समय रहते पता लगा सके.
दवाइयों की लिस्ट चस्पा करेंगे अस्पताल- तेजस्वी : तेजस्वी यादव ने कहा कि इसके साथ ही इस मौके पर जरूरी दवाइयों की सूची का विस्तार किया गया है. जिसमें कैंसर की भी कई दवाइयां शामिल है. उन्होंने सभी अस्पतालों के सुपरिटेंडेंट और मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक और प्रिंसिपल से कहा कि सभी स्वास्थ्य सेंटर अपने यह जरूरी दवाइयों की लिस्ट रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास चस्पा करके रखें और जो दवाइयां मौजूद हैं, उसके आगे टिक लगा दें. जो दवाइयां नहीं है उसके आगे क्रॉस मार्क कर दें. उन्होंने कहा कि इसके अलावा वह अपील करेंगे कि यह दवाइयों के नाम अंग्रेजी में ना लिखकर हिंदी में लिखी जाए, ताकि समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति जो थोड़े बहुत साक्षर हैं, वह भी हिंदी में दवाइयों को पढ़कर जान सके समझ सकें.
''प्रदेश में अभी रेडियोथैरेपी मात्र सात जगह ही उपलब्ध है जिसमें छह पटना में है. ऐसे में तीन और रेडियो थेरेपी सेंटर का विस्तार किया जा रहा है. गया, भागलपुर और मधेपुरा में तीन नए रेडियो थेरेपी सेंटर शुरू किए जा रहे हैं. डे केयर सेंटर कीमो थेरेपी के सेंटर भी बढ़ाए जा रहे हैं. 6 मेडिकल कॉलेजों में कीमो थेरेपी सेंटर का शुभारंभ किया जा रहा है. भागलपुर मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, गया मेडिकल कॉलेज, पूर्णिया मेडिकल कॉलेज और नालंदा मेडिकल कॉलेज पटना में इसका सेंटर है.''-तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार
वर्ल्ड कैंसर डे: कार्यक्रम के बारे में बताते हुए होमी भाभा कैंसर रिसर्च सेंटर मुजफ्फरपुर के प्रभारी डॉ रविकांत सिंह ने बताया कि कैंसर के अवेयरनेस को लेकर वर्ल्ड कैंसर डे के मौके पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है. 3 दिनों का यह कॉन्क्लेव है जिसमें विभिन्न प्रकार के कैंसर और उसके ट्रीटमेंट के साथ-साथ उसके अर्ली डिटेक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की जाएगी.
''बिहार में तीन-चार कैंसर है जो सबसे प्रमुख है. पुरुषों में माउथ कैंसर सबसे प्रमुख है, जो पान मसाला, सिगरेट की वजह से होता है. इसके अलावा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर प्रमुख है. इन सबके अलावा गंगा के मैदानी इलाकों में जो जिले हैं उनमें गॉलब्लैडर कैंसर का भी मामला प्रमुख रहता है. बिहार में लगभग डेढ़ लाख कैंसर के नए मामले मिले हैं जिनमें लगभग 65 फ़ीसदी कैंसर के मामले इन्हीं चार प्रकार के कैंसर के हैं.''- डॉ रवि कांत सिंह, प्रभारी होमी भाभा कैंसर रिसर्च सेंटर, मुजफ्फरपुर
सावधानी बचाए कैंसर से जान : डॉ रवि कांत सिंह ने कहा कि और 300 जिला में कैंसर के स्क्रीनिंग की सुविधा शुरू होने से कैंसर का अर्ली डिटेक्शन पता चल पाएगा. क्योंकि प्रदेश में लगभग 70 से 75 फ़ीसदी मामले कैंसर के लेट डिटेक्शन के होते हैं. 25 से 30 मामले ही अर्ली डिटेक्शन के होते हैं. यह देखा गया है कि अर्ली डिटेक्शन यदि हो जाए फर्स्ट से सेकंड स्टेज तक पता चले तो 60-70 फ़ीसदी मामले में मरीज की जान बचाई जा सकती है. जबकि लेट डिटेक्शन हो तो मात्र 3 फ़ीसदी मामले में ही मरीजों की जान बचाई जा सकती है.