पटना: सूबे की सियासत में अपना अलग स्थान रखने वाले आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव (RJD Leader Tej Pratap Yadav) एक बार फिर से चर्चा में इसकी वजह है उनकी जनशक्ति यात्रा. दरअसल तेजप्रताप ने मजदूर दिवस के अवसर पर जनशक्ति यात्रा की शुरुआत की है. यह यात्रा राजधानी पटना से शुरू हुई है और राज्य के सभी हिस्सों में आयोजित की जाएगी. इसकी सबसे बड़ी बात यह कि इस यात्रा को तेजप्रताप अकेले अपने दम पर कर रहे हैं. इसमें राष्ट्रीय जनता दल का कोई सपोर्ट नहीं है. हालांकि छात्र जनशक्ति परिषद (Chhatra Janshakti Parishad) के लोगों का कहना है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या नेता इस यात्रा से जुड़ना चाहते हैं तो वह साथ आ सकते हैं. किसी के लिए कोई रुकावट नहीं है.
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मूल जरूरतों को लेकर जनता से सीधा सरोकार: जनशक्ति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव कहते हैं कि दरअसल इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को आवाज देने की है. समाज में जो लोगों की मूल जरूरत है, वह लोगों को नहीं मिल पा रही है. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और महंगाई के अलावा कई अन्य सारे मुद्दे हैं. प्रशांत कहते हैं कि तेजप्रताप अपने पिता लालू प्रसाद के पद चिह्नों पर चलते हैं. लालू प्रसाद ने अपना पूरा जीवन शोषित, दलित और कमजोर तबके के लोगों के उत्थान में लगा दिया. तेजप्रताप की भी सोच ठीक उसी प्रकार की है.
आरजेडी के लोगों का स्वागत: प्रशांत प्रताप यादव कहते हैं कि इस यात्रा में आरजेडी की कोई भूमिका नहीं है लेकिन अगर कोई साथ आना चाहता है तो उसका स्वागत करेंगे. वे कहते हैं कि इस रैली में किसी प्रकार की कोई क्राइटेरिया नहीं है. हमलोग बिहटा गए तो कमजोर तबके के लोगों के घर तेजप्रताप यादव ने चाय भी पिया और खाना भी खाया. तेजप्रताप जमीन से जुड़े नेता हैं. ऐसे ही लोगों के बीच में रहना वे पसंद करते हैं. इस जनशक्ति यात्रा का आयोजन राज्य के हर जिले में किया जाएगा. यात्रा की अगली कड़ी संभवत भोजपुर जिले से शुरू हो सकती है.