पटना:लालू परिवार (Lalu Family) में चल रही ताकत की जंग नये मोड़ पर पहुंच गई है. कृष्ण कन्हैया के वेष में बांसुरी लिये नजर आने वाले तेज प्रताप (Tej Pratap Yadav) ने उग्र रुख अपना लिया है. इस बार निशाने पर अपने ही परिवार के लोग हैं. पार्टी (राजद) में मनमाफिक ताकत नहीं मिलने से नाराज तेज प्रताप किसी को बख्शने के मूड में नहीं दिख रहे हैं.
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तेज प्रताप छोटे भाई तेजस्वी यादव (जिन्हें वह प्यार से अर्जुन कहते हैं) पर निशाना साध रहे हैं. इसके साथ ही बड़ी बहन मीसा भारती और परिवार के अन्य लोगों को भी वह खुलकर कोस रहे हैं. तेज प्रताप ने किसी का नाम लिये बिना पिता लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) को दिल्ली में बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया है.
बीमार चल रहे लालू दिल्ली में बड़ी बेटी मीसा भारती के घर में रह रहे हैं. पत्नी राबड़ी देवी भी उनके साथ हैं. इसके साथ ही तेजस्वी यादव का भी आना-जाना लगा रहता है. जानकार बताते हैं कि तेजस्वी यादव को राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है. पार्टी में तेजस्वी और उनके करीबियों की बढ़ती ताकत से तेज प्रताप बेचैन हैं, जिसके चलते अब वह आर पार के मूड में दिख रहे हैं.
पटना में छात्र जनशक्ति परिषद की कार्यशाला के दौरान तेजप्रताप ने कहा, 'हमारे पिताजी अस्वस्थ चल रहे हैं. हम कोई प्रेशर नहीं देना चाहते हैं. बीमारी से जूझ रहे हैं. कुछ लोग राजद में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं. 4-5 लोग हैं, सब जानता है. नाम लेने का कोई मतलब नहीं है. पिताजी को जेल से आए हुए महीना भर हो गया, साल भर हो गया है. हमारे पिताजी को वहीं रोककर रखा हुआ है. हमने उनसे बात की और कहा कि हमारे साथ पटना चलिए. हमसब साथ में रहेंगे. आप आइये और सबकुछ देखिये. संगठन को भी देखिये.'
आरजेडी नेता ने कहा, 'वो (लालू) जब रहते थे तो दरबार खुला रहता था. हमेशा दरवाजा खोलकर रखा जाता था. आउटहाउस में वो बैठक करते थे और महान जनता से मिलने-जुलने का काम करते थे. इन 4-5 लोगों ने क्या किया? जनता से मिलने के लिए रस्सा बंधवाया ताकि जनता दूर रहे. हमारे पिता को आने नहीं दिया जा रहा है, बंधक बनाकर रखे हुए है दिल्ली में.'
बता दें कि 74 साल के लालू यादव फिलहाल नई दिल्ली में अपनी बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के पंडारा पार्क स्थित सरकारी आवास में रह रहे हैं. साथ में उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी मौजूद हैं. आरजेडी प्रमुख 3 साल बाद जमानत पर जेल से रिहा हुए हैं. उन्हें इसी साल 17 अप्रैल को झारखंड हाइकोर्ट की तरफ से जमानत दी गई थी, लेकिन कोरोना के बढ़ते सक्रंमण की वजह से वे 12 दिन की देरी से रिहा हो पाए थे.
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