पटना:बिहार में राज्य सरकार ने पिछले दिनों कैबिनेट मीटिंग में शिक्षक नियोजन (Teacher Appointment Rule) को लेकर नई नियमावली पर मुहर लगाए जाने के बाद प्रदेश का माहौल गर्म है. एक तरफ जहां विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस नियमावली को लेकर अपने विचारों को रखा है, वहीं दूसरी तरफ विभिन्न शिक्षक संगठनों ने इस नियमावली की कई बिंदुओं पर अपनी आपत्ति जताई है. नई नियमावली की विसंगतियों को दूर करने तथा आगे के कार्यक्रम पर संभावित कदम को उठाने के लिए राज्य के 20 से भी ज्यादा शिक्षक संगठनों ने आपात बैठक बुलाई है. इस आपात बैठक का आयोजन बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले किया गया है.
Bihar Shikshak Niyojan: एक बैनर के तले आए सभी शिक्षक संघ, आपात बैठक के बाद करेंगे आगे कदम उठाने का निर्णय
बिहार की राजधानी पटना में शिक्षक नियमावली को लेकर लगातार शिक्षकों का प्रदर्शन (Teachers Protest in Patna) देखने करो मिल रहा है. अब एक बैनर के तले आकर सभी शिक्षक संघ आपत बैठक बुला रहे हैं. सभी शिक्षकों के द्वारा आगे का निर्णय लेने की तैयारी की जा रही है. आगे पढ़ें पूरी खबर...
शिक्षकों के साथ विश्वासघात: संघ के प्रदेश महासचिव बिपिन बिहारी भारती ने बताया कि वर्तमान महागठबंधन सरकार ने अपनी घोषणापत्र के विरुद्ध नई शिक्षक नियमावली 2023 को लाकर बिहार के लाखों शिक्षकों के साथ विश्वासघात किया है. लिहाजा समय की मांग के अनुरूप महागठबंधन सरकार से बिना शर्त जिला संवर्ग में समायोजन, राज्य कर्मी का दर्जा, अंतर जिला स्थानांतरण, समान काम के लिए समान वेतन, पुरानी पेंशन आदि मांगों को शीघ्र पूरा करवाने के लिए बिहार के सभी शिक्षक संगठनों को एक मंच पर और एक बैनर तले आना जरूरी है.
"वर्तमान महागठबंधन सरकार ने अपनी घोषणापत्र के विरुद्ध नई शिक्षक नियमावली 2023 को लाकर बिहार के लाखों शिक्षकों के साथ विश्वासघात किया है. यह राज्य स्तरीय बैठक सर्व संघ यह बैनर के तले होगा. इस बैठक में किसी भी संगठन का बैनर नहीं लगाया जाएगा."-बिपिन बिहारी भारती, प्रदेश महासचिव, शिक्षक संघ
सर्व संघ राज्य स्तरीय बैठक: बिपिन बिहारी भारती ने यह भी कहा कि यह राज्य स्तरीय बैठक सर्व संघ यह बैनर के तले होगा. इस बैठक में किसी भी संगठन का बैनर नहीं लगाया जाएगा. गोरतलब हो कि राज्य सरकार द्वारा पिछले दिनों शिक्षक नियोजन की नियमावली को कैबिनेट में स्वीकृति दी गई थी लेकिन स्वीकृति के बाद से ही राज्य के विभिन्न शिक्षक संगठनों ने इसकी विसंगतियों को गिनाते हुए अपने-अपने राय को रखा था. इन विभिन्न शिक्षक संगठनों का कहना था कि राज्य सरकार ने उनके साथ पूरी तरीके से न्याय नहीं किया है.