पटना: संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने जातीय जनगणना का बहिष्कार करने की बात कही है. मोर्चा ने सेवा शर्त में सुधार को लेकर राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. मोर्चा का कहना है कि अगर सेवा शर्त में सुधार नहीं की गई तो शिक्षक जातीय जनगणना का बहिष्कार करेंगे. ज्ञात हो कि राजधानी में गुरुवार को राज्य के 28 विभिन्न शिक्षक संगठनों में से 25 शिक्षक संगठनों ने राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया था, जिसमें इस बात पर सहमति बनी थी.
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"24 घंटे का अल्टीमेटम सरकार को दिया गया है. 25 वें घंटे से हमारा आंदोलन शुरू होगा. शनिवार को राज्य के तमाम प्रखंड मुख्यालयों पर हम प्रदर्शन करेंगे और सरकार की वादा खिलाफी का विरोध करेंगे. उसके बाद अगर सरकार नहीं सुनती है तो आगे बैठक करके आगे की रणनीति तैयार की जाएगी"- वंशीधर बृजवासी, अध्यक्ष, परिवर्तनकारी प्राथमिक शिक्षक संघ
ठगने का काम कियाः बैठक के बाद लिए गए इस निर्णय की जानकारी देते हुए परिवर्तनकारी प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर बृजवासी ने कहा कि पिछले दिनों यह वादा किया गया था कि बिहार के तमाम नियोजित शिक्षकों के लिए जो नियमावली लाई जाएगी, उसमें बहुत सारी सुविधाएं दी जाएंगी. शिक्षकों को यह उम्मीद थी कि राज्य कर्मी का दर्जा मिलेगा. लेकिन, राज्य सरकार ने करीब साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को ठगने का काम किया है.
सरकार को अल्टीमेटमः बंशीधर बृजवासी ने कहा कि नई नियमावली में भी नियोजन इकाइयों को समाप्त नहीं किया गया है. जबकि शिक्षा मंत्री ने कहा था कि 9222 नियोजन इकाइयां हैं, जिनको समाप्त किया जाएगा और उसके बाद शिक्षकों का जिला कैडर हो जाएगा. सरकार ने वादा किया था. सरकार की इस वादा खिलाफी के विरोध में 25 शिक्षक संगठनों ने संयुक्त रूप से बैठक करके सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. इस 24 घंटे के अंदर साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी घोषित करें नहीं तो शनिवार को संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा जातीय गणना के कार्य का बहिष्कार करेगा.