पटनाः बिहार में शिक्षक नियमावली का विरोध लगातार हो रहा है. सोमवार को शिक्षा मंत्री के बयान के बाद एक बार फिर शिक्षक अभ्यर्थियों ने विरोध शुरू कर दिया है. इसी अंतराल में बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने शिक्षा मंत्री के बयान का विरोध किया है. गौरव ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने कहा कि जैसे प्रोफेसर बनने के लिए परीक्षा पास करना होता है, उसी तरह शिक्षक बनने के लिए भी परीक्षा पास करना होगा. गौरव ने कहा कि शिक्षा मंत्री को किसी ने बताया नहीं क्या कि सीटेट और एसटेट भी एक परीक्षा ही है. परीक्षा के ऊपर परीक्षा कराना जायज नहीं है.
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"शिक्षा मंत्री जो ब्यान दे रहे हैं, उन्हें कोई बताए कि सीटेट और एसटेट भी एक परीक्षा ही थी. अभ्यर्थियों को परीक्षा से कोई दिक्कत नहीं है. सरकार शिक्षकों के लिए 1500 मी. का दौड़, ऊंची कूद, बाउंड्री कूद भी करवाए ताकि बच्चा स्कूल से भागे तो उसे पकड़ पकड़ कर लाएं. सरकार को BPSC ही नहीं NASA और मोसाद से परीक्षा लेनी चाहिए."- दीपांकर गौरव, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ
'NASA और मोसाद से परीक्षा लीजिए' : गौरव ने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी परीक्षा से परेशानी नहीं है. शिक्षक के लिए आप BPSC ही क्यों, सरकार NASA और मोसाद से परीक्षा का पेपर सेट करवाइए. इसको लेकर लगातार सुझाव दिया जा रहा है कि EXAM के साथ 1500 मी. का दौड़, ऊंची कूद, बाउंड्री कूद भी करवाइए ताकि भागने वाले बच्चों को मास्टर साहब कूद कूदकर पकड़ सके. गौरव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इसके अलावा शिक्षकों को जो सर्वे का काम धरा दिया जा रहा है, इसके लिए स्टैटिक्स और डेटाबेस मैनेजमेंट का क्वालीफाइ पेपर जोड़ दिया जाए.
'बयान देना बंद करें शिक्षा मंत्री' : गौरव ने शिक्षा मंत्री से सवाल करते हुए कहा कि उस अभ्यर्थियों को क्या, जिसने केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सीटेट या एसटेट पास करके बैठै हैं. कई अभ्यर्थियों का नाम मेरिल लिस्ट में आ चुका है. जो अभी शिक्षक बने हुए हैं, क्या उनका चुनाव 'अक्कड़-बक्कड़ बम्बे बो' से हुआ था? सरकार अभ्यर्थियों को भ्रमित करने का काम कर रही है. अपनी नाकामी को छिपाने के लिए जनता को उल्लू बनाया जा जा रहा है. शिक्षा मंत्री इस तरह का बयान देना बंद करें नहीं तो आने वाले समय में आंदोलन के लिए हमलोग तैयार हैं.
क्या बोले हैं शिक्षा मंत्री?: बता दें कि शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी में लगे, परीक्षा से भागे नहीं. शिक्षा मंत्री ने कहा था कि जिस तरह प्रोफेसर नेट और पीएचडी करने के बाद भी BPSC और UPSC की परीक्षा देते हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों ने भी सीटेट-एसटेट परीक्षा देकर शिक्षक बनने के योग्य हो गए हैं तो परीक्षा देने में क्या आपत्ति हैं. एक कदम और आगे बढ़े और राज्यकर्मी का दर्जा पाएं. इससे शिक्षा की क्वालिटि में सुधार होगा.