पटनाःलंबे समय से बिहार के शिक्षा मंत्री कभी 15 अगस्त तक तो कभी दिवाली छठ तक शिक्षकों के नियोजन(Shikshak Niyojan) को पूरा करने की बात कर रहे हैं. लगातार उनका बयान आता रहा. लेकिन चयन पत्र मिलने के 4 महीने बाद भी शिक्षक नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) के लिए तरस रहे हैं. अब शिक्षक अभ्यर्थी सोशल मीडिया के जरिए आंदोलन चला रहे हैं. हालत यह है कि ट्विटर पर नियुक्ति पत्र की उनकी डिमांड टॉप पर ट्रेंड कर रही है.
ये भी पढ़ेंःBihar Teachers Recruitment: प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन का शेड्यूल जारी, 14 दिसंबर से काउंसलिंग
शिक्षकों के नियोजन के लिए चयनित सूची आने के बाद 4 महीने बीत गए. लेकिन अब तक नियुक्ति पत्र की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही. इसे लेकर बिहार के हजारों शिक्षक अभ्यर्थी खासे नाराज हैं. सोशल मीडिया पर आंदोलन चला रहे हैं जिसे तमाम नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है. गिव बिहार टीचर्स अपॉइंटमेंट के नाम से चले ट्विटर अभियान में दो लाख से ज्यादा ट्वीट किए गए और यह रविवार को इंडिया में टॉप पर ट्रेंड करता रहा.
इस बारे में डीएलएड एनआईओएस संघ के अध्यक्ष पप्पू कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि एक तरफ यह रिपोर्ट आती है कि बिहार के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है. दूसरी तरफ यह भी कड़वी सच्चाई है कि बिहार के कम से कम 3000 स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे काम चल रहा है. तब भी सरकार शिक्षकों की नियुक्ति जल्द से जल्द कराने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही.
''सरकार और शिक्षा मंत्री सिर्फ बयानबाजी करते हैं. लेकिन असलियत में कोई यह नहीं चाहता कि जल्द से जल्द की प्रक्रिया पूरी हो. इस बारे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने स्पष्ट किया है कि जब तक शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच पूरी नहीं होगी तब तक नियुक्ति पत्र देने की कोई संभावना नहीं है. लेकिन शिक्षक अभ्यर्थी यही डिमांड कर रहे हैं कि 4 महीने बीतने के बाद भी यह पता नहीं चल रहा की सर्टिफिकेट की जांच किस स्तर पर पहुंची है. यह प्रक्रिया कब तक चलेगी यह भी सरकार की तरफ से नहीं बताया जा रहा.''- पप्पू कुमार, अध्यक्ष, डीएलएड एनआईओएस संघ