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बिहार शिक्षक नियोजनः अब तक नहीं मिला नियुक्ति पत्र, ट्विटर अभियान के जरिए आंदोलन की राह पर नाराज शिक्षक - पप्पू कुमार

शिक्षकों के नियोजन (Shikshak Niyojan) के लिए चयनित सूची आने के 4 महीने बाद भी शिक्षक अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) नहीं बल्कि सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. इससे नाराज शिक्षक अभ्यर्थी सोशल मीडिया के जरिए आंदोलन चला रहे हैं.

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Published : Nov 22, 2021, 1:24 PM IST

पटनाःलंबे समय से बिहार के शिक्षा मंत्री कभी 15 अगस्त तक तो कभी दिवाली छठ तक शिक्षकों के नियोजन(Shikshak Niyojan) को पूरा करने की बात कर रहे हैं. लगातार उनका बयान आता रहा. लेकिन चयन पत्र मिलने के 4 महीने बाद भी शिक्षक नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) के लिए तरस रहे हैं. अब शिक्षक अभ्यर्थी सोशल मीडिया के जरिए आंदोलन चला रहे हैं. हालत यह है कि ट्विटर पर नियुक्ति पत्र की उनकी डिमांड टॉप पर ट्रेंड कर रही है.

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शिक्षकों के नियोजन के लिए चयनित सूची आने के बाद 4 महीने बीत गए. लेकिन अब तक नियुक्ति पत्र की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही. इसे लेकर बिहार के हजारों शिक्षक अभ्यर्थी खासे नाराज हैं. सोशल मीडिया पर आंदोलन चला रहे हैं जिसे तमाम नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है. गिव बिहार टीचर्स अपॉइंटमेंट के नाम से चले ट्विटर अभियान में दो लाख से ज्यादा ट्वीट किए गए और यह रविवार को इंडिया में टॉप पर ट्रेंड करता रहा.

इस बारे में डीएलएड एनआईओएस संघ के अध्यक्ष पप्पू कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि एक तरफ यह रिपोर्ट आती है कि बिहार के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है. दूसरी तरफ यह भी कड़वी सच्चाई है कि बिहार के कम से कम 3000 स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे काम चल रहा है. तब भी सरकार शिक्षकों की नियुक्ति जल्द से जल्द कराने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही.

''सरकार और शिक्षा मंत्री सिर्फ बयानबाजी करते हैं. लेकिन असलियत में कोई यह नहीं चाहता कि जल्द से जल्द की प्रक्रिया पूरी हो. इस बारे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने स्पष्ट किया है कि जब तक शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच पूरी नहीं होगी तब तक नियुक्ति पत्र देने की कोई संभावना नहीं है. लेकिन शिक्षक अभ्यर्थी यही डिमांड कर रहे हैं कि 4 महीने बीतने के बाद भी यह पता नहीं चल रहा की सर्टिफिकेट की जांच किस स्तर पर पहुंची है. यह प्रक्रिया कब तक चलेगी यह भी सरकार की तरफ से नहीं बताया जा रहा.''- पप्पू कुमार, अध्यक्ष, डीएलएड एनआईओएस संघ

आपको बता दें कि बिहार में छठे चरण के शिक्षक नियोजन के तहत प्राथमिक शिक्षकों के 90762 पदों पर बहाली की प्रक्रिया वर्ष 2019 में शुरू हुई थी जो अब तक पूरी नहीं हुई है. वहीं 32 हजार से ज्यादा माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पद पर भी 2019 में बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई थी जो अब तक पूरी नहीं हुई है.

शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन में काउंसलिंग की अगली तारीख 14 दिसंबर से शुरू करने की घोषणा की है. लेकिन उस पर भी आशंका के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि कई नियोजन इकाइयों ने पंचायत चुनाव की वजह से 14 दिसंबर से दी गई तारीख पर काउंसलिंग कराने को लेकर असमर्थता जताई है. ऐसे में एक बार फिर काउंसलिंग की तिथि में बदलाव की संभावना है.

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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी शिक्षक अभ्यर्थियों के समर्थन में ट्वीट करके कहा कि ना शर्म, न दर्द, न संवेदना, ना वादाखिलाफी का डर, ना जिम्मेदारी का एहसास, ना वर्तमान और भविष्य की चिंता... आखिर बिहार में 300000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त होने के बाद भी शिक्षकों की बहाली क्यों नहीं हो रही है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में एनडीए सरकार युवाओं को नौकरी देने और रोजगार को लेकर कभी गंभीर नहीं दिखी है. क्योंकि इन्हें ऐसा लगता है कि बेरोजगारी, नौकरी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास आदि मुद्दों पर नहीं बल्कि लोग जात पात और धर्म के नाम पर वोट देते हैं.

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