पटना: बिहार में छठे चरण के नियोजन की प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थी काफी असमंजस में हैं. सरकार की ओर से बार-बार आश्वासन के बावजूद अब तक बहाली नहीं हो पाई है. अब तो सरकार पर से भी शिक्षक अभ्यर्थियों का भरोसा उठ गया है.
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अधर में शिक्षक नियोजन प्रक्रिया
बिहार के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. शिक्षक नियोजन के छठे चरण में करीब 67 हजार प्राथमिक और करीब 22000 मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पद भरे जाने को लेकर नियोजन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. लेकिन इस बीच कई मामले कोर्ट में जाने की वजह से नियोजन की प्रक्रिया में देरी होती गई.
एक और मामला पहुंचा कोर्ट
दिसंबर 2020 में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नियोजन को पूरा कराने की बात कही गई. लेकिन एक और मामला नेत्रहीन से जुड़ा कोर्ट में जाने के बाद फिर नियोजन की प्रक्रिया लटक गई. इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से बार-बार यह दावा किया गया कि वे कोर्ट में गुहार लगाएंगे और प्रक्रिया को पूरा कराएंगे. लेकिन यह मामला भी अब तक लंबित पड़ा हुआ है.
शिक्षा मंत्री ने भी किया था दावा
हाल में बजट सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री ने सदन में एक सवाल के जवाब में कहा था कि 5 अप्रैल को कोर्ट से इस दिव्यांग मामले में लीव लेकर नियोजन को जल्द से जल्द पूरा कराया जाएगा. लेकिन अब 5 अप्रैल के मेंशनिंग का दावा करने वाली सरकार पर अभ्यर्थी सवाल खड़े कर रहे हैं. क्योंकि पटना हाई कोर्ट की वेबसाइट पर अब तक 5 अप्रैल को मेंशनिंग की जानकारी उपलब्ध नहीं हुई है. और अभ्यर्थी आशंका जता रहे हैं कि फिर से मामला पेंडिंग हो गया है.