पटना: बिहार में प्राथमिक शिक्षक नियोजन(Primary Teacher Recruitment) की काउंसलिंग (Counseling) की प्रक्रिया के दौरान ही प्राथमिक शिक्षा निदेशक के तबादले के बाद अभ्यर्थी बेहद चिंतित हैं. उन्हें इस बात की आशंका सता रही है कि अब शिक्षक नियोजन (Bihar Shikshak Niyojan) पारदर्शी तरीके से हो पाएगा या नहीं.
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शिक्षक अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि जो नए अधिकारी काउंसलिंग कराएंगे उन्हें अभ्यर्थियों की तमाम परेशानियों को दूर करते हुए पारदर्शी तरीके से काउंसलिंग करानी चाहिए. एनआईओएस डीएलएड शिक्षक संघ के अध्यक्ष पप्पू कुमार ने कहा कि जैसे डॉ रणजीत सिंह वार रूम बनाकर खुद और दूसरे शिक्षा विभाग के कर्मियों को लगाकर मॉनिटरिंग करते थे उसी तरह से आगे की काउंसलिंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए.
पप्पू कुमार ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार ने पारदर्शी तरीके से काउंसलिंग की व्यवस्था की थी. वे सारी समस्या को सुनकर ऑन द स्पॉट तुरंत उसका निदान करते थे. हम अभ्यर्थियों को जो तकलीफ होती थी उसका निदान करते थे. उसी तरह से नए निदेशक भी दूसरे चरण की काउंसलिंग करें.
'जो शेड्यूल आया है उसमें थोड़ा बदलाव करके 1 टू 5 प्रखंड की काउंसलिंग 2 दिन करायी जाए. प्रत्येक जिले के प्रखंड को दो भाग में बांट दिया जाए. 1 से 5 काउंसलिंग 2 दिन करायी जाए ताकि मॉनिटरिंग करने में आसानी हो और अव्यवस्था का आलम उत्पन्न न हो.'- पप्पू कुमार, अध्यक्ष, एनआईओएस डीएलएड शिक्षक संघ
शिक्षक अभ्यर्थी ने कहा कि यह सुनिश्चित हो कि जिले में सभी प्रखंड का काउंसलिंग एक ही जगह कराया जाए. एक ही स्कूल में या एक ही कैंपस में पूरे जिले की प्रखंड की काउंसलिंग हो.