तथागत तुलसी का क्वांटम कंप्यूटर वाला ड्रीम प्रोजेक्ट अटका पटना : अगर भारत क्वांटम कंप्यूटर बना ले तो क्या होगा? ये वो सवाल है जो हर किसी के जेहन में है. क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में भारत के पास रिसर्च एवं डेवलपमेंट लगभग न के बराबर है. देश के लिए यह एक विचार करने वाला विषय है, क्योंकि जो इसपर लंबे समय से काम कर रहे हैं वो भी कानूनी पचड़े में फंसे हुए हैं. तथागत तुलसी एक ऐसा चेहरा है जो बचपन से ही इस दिशा में काम कर शोध जारी रखे हुए हैं. लेकिन कुछ अड़चनों की वजह से वो इसे मूर्त रूप नहीं दे पा रहे हैं.
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कैसे आएगी क्वांटम कंप्यूटिंग क्रांति ? : सवाल ये भी है कि क्वांटम कंप्यूटिंग के डेवलेपमेंट के लिए भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिसर्च का अभाव एक बड़ी बाधा है. बावजूद इसके, तथागत तुलसी एक ऐसा नाम है जो इस दिशा में आज से नहीं बल्कि 19 साल पहले इस दिशा में रिसर्च कर रहे हैं. तथागत अवतार तुलसी एसे शोधकर्ता हैं जिन्होंने सबसे कम उम्र में यह कारनाम कर दिखाया था. महज 17 साल की उम्र में इस दिशा में शोध को आगे बढ़ाया. इसपर उनका और उनके मेंटर और क्वांटम कंप्यूटर सर्च एल्गोरिदम के महान वैज्ञानिक लव ग्रोवर के साथ मिलकर काम किया और एक जर्नल भी प्रकाशित कराया.
तत्कालीन गुजरात सीएम नरेंद्र मोदी के साथ तथागत तुलसी तथागत के टैलेंट को तवज्जो नहीं? : आज वही तथागत तुलसी क्वांटम कंप्यूटर बनाकर देश का नाम दुनिया में रोशन करना चाहते हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि उनके टैलेंट को देश के अंदर कोई तवज्जो नहीं मिल रही है. जिस विषय पर उन्होंने बचपन में ही बहुत कुछ किया, आज भी उसी पर उनकी शोध जारी है. लेकिन सेहत के चलते उनको आईआईटी बॉम्बे से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से हाथ धोना पड़ गया. मुंबई में सेहत खराब रहने की वजह से उन्होंने 4 साल की छुट्टी ली, लेकिन जब वो मुंबई नहीं आ सके तो 2019 में उन्हें निकाल दिया गया.
''मैं क्वांटम कंप्यूटिंग पर रिसर्च को आगे बढ़ाना चाहता हूं. क्वांटम कंप्यूटर सर्च एल्गोरिदम पर शोध के लिए मुझे महान वैज्ञानिक लव ग्रोवर ने अमेरिका बुलवाया था. मैने उनके साथ इसपर 6 महीने काम किया. मैं इस फील्ड में बहुत पहले से काम कर रहा हूं. 17 साल की उम्र में ही मैने इसपर काम करना शुरू कर दिया था. हमें सरकार मौका दे तो मैं अपने शोध कार्य से देश और दुनिया में भारत का नाम रोशन करना चाहता हूं''- तथागत तुलसी
लालू यादव के साथ तथागत तुलसी तथागत की मांग 'आईआईटी दिल्ली में हो वर्चुअल ट्रांसफर': तथागत तुलसी चाहते थे कि उनका तबादला आईआईटी दिल्ली कर दिया जाए क्योंकि वो सेहत की वजह से अपने ड्रीम प्रोजेक्ट क्वांटम कंप्यूटिंग पर काम नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने ये तर्क दिया कि सरकार चाहे तो उनसे ज्यादा रिसर्च वर्क कराकर प्रोफेसर वाले काम को रिलेक्स कर दे. अब इसी की लड़ाई लड़ने के लिए तथागत कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं.
देश के लिए काम करना चाहते हैं तथागत तुलसी : क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में तथागत तुलसी ने बहुत काम किया है. उनका कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार ने काफी बजट इसके लिए निर्धारित किया है. नौकरी करना उनका मकसद नहीं बल्कि वो देश के लिए काम करना चाहते हैं. जिसपर रिसर्च दुनिया कर रही है उसपर वह बहुत पहले से काम करते आए हैं. इसलिए सरकार उनके पिछले काम को अहमियत दे ताकि देश और दुनिया का नाम वो रोशन कर सकें.