पटना:बिहार में रोजगार के नये अवसर उपलब्ध करवाने की दिशा में श्रम संसाधन और आईटी मिनिस्टर जीवेश मिश्रा (IT Minister Jivesh Mishra) की तरफ कवायद की जा रही है. इसी क्रम में राज्य के सभी सरकारी आईटीआई में टाटा टेक के माध्यम से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का पाठ (Center Of Excellence Start In ITI College) आईटीआई के छात्रों को पढ़ने का मौका मिलेगा. नए साल में नए सौगात के रूप में इसकी शुरुआत की जाएगी.
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बिहार के सभी सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानी आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए 10 हजार स्क्वायर फीट में सेंटर बनाया जाएगा. सबसे खास बात है कि देश दुनिया में जो मांग है उसी हिसाब से आईटीआई को उद्योगों के बदलते परिवेश को देखते हुए नई तकनीकों से लैस किया जायेगा. जिससे बिहार के युवा तकनीकी प्रशिक्षण के बाद सीधे उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें.
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सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से प्रौद्योगिकी में मशीन लर्निंग, इन्टरनेट ऑफ थिंग्स, ग्राफिक डिजाइन, रोबोटिक मेंटेनेन्स, इलेक्ट्रिकल इत्यादि की तकनीकों में मशीनें लगाकर उद्योगों के सहयोग से राज्य के आईटीआई को और उन्नत बनाया जायेगा. इसके लिए प्रथम चरण में 139 आईटीआई में से 60 को चिन्हित किया गया है. जीवेश मिश्रा ने बताया कि सात निश्चय योजना पार्ट-2 के अंतर्गत 2020-25 के अंतर्गत युवा शक्ति बिहार की प्रगति के तहत संस्थानों को गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य के प्रत्येक आईटीआई को उच्च स्तरीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित किया जाएगा.
2 चरणों में सभी आईटीआई संस्थानों में मशीनों का कार्य एवं अधिष्ठापन किया जाना है. इसपर कुल लागत 5436.22 करोड़ रुपये है. जिसमें 12% राज्य सरकार और 88% टाटा टेक लगाने का काम करेगी. बता दें कि पहले चरण में 60 राजकीय आईटीआई के उन्नयन के लिए 262.69 करोड़ लागत होगा. जिसको मार्च 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं दूसरे चरण में 389 करोड़ 66 लाख राज्य सरकार खर्च करेगी, जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति कैबिनेट ने दी है. मंत्री ने बताया कि बिहार के आईटीआई पुरानी तकनीक पर आधारित था. देश मे उद्योग के बदलते हुए परिवेश को देखते हुए यहां के आईटीआई को इस टेक्निक से लैस किया जा रहा है. जिससे बिहार के युवा तकनीकी प्रशिक्षण के बाद सीधे उद्योगों के आवश्यकताओं को पूरा कर सकें.