पटना:पटना में मेट्रो (Metro In Patna) का काम तेज गति से मलाही पकड़ी और आईएसबीटी के बीच चल रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने मलाही पकड़ी मेट्रो शुरू होने को लेकर लोग क्या सोचते हैं, जानने की कोशिश की.
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मलाही पकड़ी और आईएसबीटी के बीच मुख्य रूप से एलिवेटेड 5 स्टेशन होंगे, जो मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरोमाइल और आईएसबीटी होंगे. इनके लिए बाईपास पर कई पिलर खड़े हो चुके हैं. जबकि मलाही पकड़ी पर भी पिलर उठाने का काम तेजी से चल रहा है.
पटनावासियों को मेट्रो का इंतजार पटना रेलवे जंक्शन से आईएसबीटी वाले मार्ग में मलाही पकड़ी रूट को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है और यही वजह है कि, यहां तेजी से काम चल रहा है. पटना के लोगों को ट्रैफिक की समस्या से बचने के लिए पटना मेट्रो का बेसब्री से इंतजार है. ईटीवी भारत ने इस बारे में स्थानीय लोगों से बात की. लोगों का कहना है कि, हम बेसब्री से मेट्रो का इंतजार कर रहे हैं लेकिन काम की स्पीड देखकर नहीं लगता है कि वर्ष 2024 (Target To Complete Metro Project In Patna) तक यह पूरा हो पाएगा.
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मलाही पकड़ी के पास रहने वाले दीपक शर्मा ने कहा कि, काम देखकर नहीं लग रहा कि किसी भी हाल में समय पर पटना मेट्रो का काम पूरा होगा. वहीं हनुमान नगर के रहने वाले अंकुर ओझा ने कहा कि, ना तो अब तक पटना मेट्रो के लिए पूरी राशि की व्यवस्था हुई है और ना ही जमीन का अधिग्रहण हुआ है. काम की स्पीड भी काफी स्लो है. ऐसे में उम्मीद कम ही है कि, पटना मेट्रो का काम 2024 तक पूरा हो पाएगा.
"कागज पर सब है. काम समय पर पूरा नहीं होगा. कई काम अधूरे हैं. इतने पैसे कहां से आएंगे, इसके लिए कोई विशेष पहल नहीं की गई है. 2024 तक मेट्रो का शुरू होना मुश्किल है."- अंकुर ओझा, स्थानीय निवासी
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बिहार सरकार ने एक दिन पहले ही पटना मेट्रो के डिपो के जमीन अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है. इसमें खर्च की अनुमति भी दे दी गई है. पटना मेट्रो के डिपो के लिए करीब 76 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है. अधिसूचना जारी हो चुकी है लेकिन, प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है.
इसमें कुल खर्च 726 करोड़ रुपए का है और यह पूरी राशि राज्य सरकार को ही वहन करना है. इसके अलावा पटना मेट्रो के विभिन्न स्टेशनों के निर्माण के लिए जमीन का भी हस्तांतरण होना है. इसके लिए कई सरकारी और निजी जमीन को लोकेट किया गया है, जिनके लिए बातचीत जारी है.
नगर विकास विभाग सूत्रों के मुताबिक राशि का आवंटन और कर्ज पर ली जाने वाली राशि को लेकर भी देरी के कारण इस प्रोजेक्ट में समय लग रहा है. पटना में अतिक्रमण की समस्या और जमीन अधिग्रहण में हो रही देरी से भी प्रोजेक्ट के काम में लेटलतीफी हो रही है.
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आपको बता दें कि पटना मेट्रो में दो कॉरिडोर तय किए गए हैं. इस्ट वेस्ट कॉरिडोर दानापुर से मीठापुर तक होगा जबकि दूसरा नॉर्थ साउथ कॉरिडोर पटना रेलवे जंक्शन से आईएसबीटी तक होगा. वर्ष 2024 तक पूरा करने के लक्ष्य में पटना मेट्रो पर 13365 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की राशि खर्च होगी. इस राशि में 20-20 फीसदी खर्च राज्य और केंद्र सरकार का होगा, जबकि बाकी 60 फीसदी राशि अन्य वित्तीय संस्थानों से कर्ज के रूप में ली जाएगी. नगर विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 60% लोन देने के लिए यूरोपीय यूनियन, जाइका और एडीबी तैयार है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने भारत भर के विभिन्न राज्यों में महत्वाकांक्षी मेट्रो रेल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अलग-अलग समय सीमा निर्धारित की है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि, महत्वाकांक्षी पटना मेट्रो रेल परियोजना के फरवरी 2024 तक पूरा होने की संभावना है. पटना मेट्रो रेल परियोजना के लिए संशोधित अनुमान 2020-21 के तहत 163.00 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
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