पटना:तमिलनाडु के राज्यपाल रविन्द्र नारायण रवि (Tamil Nadu Governor Ravindra Narayan Ravi) ने राजधानी पटना के बिहटा स्थित स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रममें बने सामाजिक शोध संग्रहालय और खेल-प्रशिक्षण शिक्षण संस्थान का उद्घाटन (Swami Sahajanand Saraswati Sports and Learning Center) किया. बिहार में किसान आंदोलन के जनक और जमींदारी प्रथा के प्रखर विरोधी स्वामी सहजानंद सरस्वती के जीर्ण-शीर्ण आश्रम को पुनर्जीवित कर नए रूप में तैयार किया गया है. वहीं उनके आश्रम में बने एक सामाजिक शोध संस्थान और खेल शिक्षण केंद्र विद्यालय का भी शुभारंभ हुआ है. इस मौके पर तमिलनाडु के राज्यपाल ने सबसे पहले स्वामी सहजानंद के समाधि स्थल पर जाकर उनको पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी.
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खेल एवं शिक्षण केंद्र का किया उद्घाटन:जानकारी के मुताबिकस्वामी सहजानंद सरस्वती खेल एवं शिक्षण केंद्र में दाखिला लेने वाले बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी, सामान्य विज्ञान, कंप्यूटर और कला की नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी. अगले साल से संगीत, वादन आदि के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी होगी. जिसके लिए मामूली शुल्क लिया जाएगा. यहां बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया जाएगा. 10 से 14 साल तक के बच्चों के लिए एसेंबली की व्यवस्था होगी, जिसमें वे प्रखर वक्ता के रूप में विकसित होंगे.
'भारत में सिर्फ राष्ट्रवाद':उद्घाटन के बाद राज्यपाल रविंद्र नारायण रवि ने कहा कि आज भारत विश्व गुरु बन रहा है और इस विश्व गुरु में स्वामी सहजानंद सरस्वती जैसे लोगों का भी अहम रोल है. उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने शुरू से ही किसानों और दबे कुचले वंचित लोगों के लिए हमेशा से आवाज उठाने का काम किया. जमींदारी जैसी प्रथा को खत्म करने की मुहिम जिस तरह से शुरू हुई थी, वह आज कामयाब होती दिख रही है. डॉक्टर सत्यजीत सिंह ने अपने देखरेख में स्वामी जी के आश्रम को फिर से जीवित करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि भारत में न कोई कोई क्षेत्रवाद है, न कोई जातिवाद है और न ही धर्मवाद है. हमारे यहां सिर्फ राष्ट्रवाद है.