पटना: गंगा नदी पर ताजपुर-बख्तियारपुर पुलऔर गंगा पथ वे का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है. दोनों योजनाओं का निर्माण हैदराबाद की एक ही एजेंसी कर रही है. लेकिन दोनों योजनाओं का निर्माण लगातार तय समय से पीछे चल रहा है. ऐसे में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीनने साफ कर दिया है कि अब किसी भी एजेंसी से कोई मोह नहीं है. काम समय पर पूरा नहीं होगा तो कर्रवाई होगी.
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10 साल में भी नहीं बना बख्तियारपुर-ताजपुर पुल
गंगा नदी पर पटना के बख्तियारपुर और समस्तीपुर के ताजपुर को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे चार लेन पुल का ग्रहण समाप्त नहीं हो रहा है. इस प्रोजेक्ट को 2010 में कैबिनेट ने स्वीकृत दी और 2011 में नीतीश कुमार ने निर्माण कार्य की शुरुआत की थी. इस प्रोजेक्ट को 2016 में ही बन जाना था, लेकिन अभी भी 50 परसेंट से भी कम काम हुआ है. पिछले 2 साल से एजेंसी ने काम ठप कर रखा है.
10 वर्षों में भी नहीं बना ताजपुर-बख्तियारपुर पुल किसी एजेंसी से कोई मोह नहीं
बता दें कि, पीपीपी मोड में बन रहे इस पुल में एजेंसी को 900 करोड़ से अधिक की राशि खर्च करनी थी. बिहार सरकार ने बैंक से कर्ज दिलवाने में मदद भी की, लेकिन एजेंसी ने आर्थिक तंगी के कारण काम रोक रखा है. वहीं, मुख्यमंत्री ने 2018 में इसका हवाई सर्वेक्षण भी किया था और लगातार समीक्षा भी की है. बावजूद इस योजना पर ग्रहण समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में नए पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने एजेंसी से काम छीनने की तैयारी शुरू कर दी है. पिछले दिनों मंत्री ने साफ कहा था की एजेंसी कोई हो किसी से मोह नहीं है.अगर काम समय पर नहीं होगा तो कार्रवाई की जाएगी.
किसी एजेंसी से कोई मोह नहीं- मंत्री नितीन नवीन सरकार का बचाव
वहीं, इन बड़े प्रोजेक्ट के निर्माण में हो रहे विलंब को लेकर जदयू और बीजेपी के नेता सरकार का बचाव कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार लगातार योजनाओं की समीक्षा कर रही है और समय पर पूरा हो इसके लिए कर्रवाई भी करती रही है. उनका कहना है कि परियोजना में यदि विलंब एजेंसी के कारण होगा तो एजेंसी के खिलाफ भी सरकार अब कड़ी कार्रवाई करेगी.
ताजपुर बख्तियारपुर पुल की महत्वपूर्ण बातें
- 5.5 किलोमीटर लंबाई में पुल का निर्माण हो रहा है.
- 2010 में नीतीश कैबिनेट ने दी थी स्वीकृति.
- 2011 में सीएम नीतीश ने निर्माण का किया था शिलान्यास.
- 2016 में एजेंसी को पूरा करना था पुल का निर्माण कार्य.
- 2018 के बाद से ही एजेंसी ने पैसे की तंगी के कारण निर्माण ठप कर रखा है.
- 47% ही काम ताजपुर बख्तियारपुर पुल का अब तक हुआ है.
- 272 पिलरों का जमीनी काम हो चुका है.
- 1602.74 करोड़ लागत है इस परियोजना की.
- 917.74 करोड़ एजेंसी नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को इन्वेस्ट करना था.
- 277.50 करोड केंद्र सरकार इसमें मदद कर रही है. वहीं 307.50 करोड बिहार सरकार दे रही है.
- 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हवाई सर्वेक्षण भी किया था.
- मुख्यमंत्री ने इसकी कई बार समीक्षा भी की थी. एजेंसी को बैंक से फाइनेंस करवाने में भी सरकार ने मदद की थी.
- पुल का निर्माण हैदराबाद की कंपनी कर रही है.
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गंगा पथ वे का काम भी हैदराबाद की एजेंसी के पास ही
इसी तरह गंगा पथ वे का काम बरसों से चल रहा है. 2013 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था और इस योजना को 2017 में पूरा हो जाना था, लेकिन अभी भी इस का काम आधा अधूरा है. 2013 में इस प्रोजेक्ट की लागत 3,160 करोड थी, जो अब बढ़कर 5000 करोड के आस पास पहुंच चुकी है. इसका निर्माण भी ताजपुर बख्तियारपुर पुल निर्माण करने वाली हैदराबाद की एजेंसी के पास ही है. हालांकि, अब कुछ भाग दूसरी एजेंसी को भी दिया जा चुका है.
गंगा पथ वे का अधर में लटका निर्माण कई स्थानों को जोड़ेगा गंगा पथ वे
इस पुल में सात स्थानों पर शहर से संपर्क पथ से जोड़ा गया है. इसमें एलसीटी घाट महावीर वात्सल्य अस्पताल के सामने, एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट गोलघर के सामने, पीएमसीएच के पास, कृष्णा घाट साइंस कॉलेज के सामने, गाय घाट गांधी सेतु के बगल से, कंगना घाट पटना सिटी गुरुद्वारा के सामने से, पटना सिटी में पटना घाट के नजदीक जोड़ा गया है. गंगा पथ वे में बांस घाट और दीदारगंज चेक पोस्ट धर्मशाला घाट के पास 2 टोल प्लाजा भी बनेंगे. इसमें 8 अंडरपास और पांच जगह फुट ओवर ब्रिज बन रहे हैं. 20 किलोमीटर से अधिक लंबे गंगा पथ वे में 11 किलोमीटर से अधिक एलिवेटेड पार्ट का निर्माण हो रहा है.