पटना: झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. जदयू ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी पूरी कर ली है. इसके लिए पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को एक्टिव मोड में लगा रखा है. नीतीश कुमार पहले 25 अगस्त को झारखंड जाने वाले थे. अब सितंबर के पहले सप्ताह में झारखंड में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे. नीतीश के इस दौरे से पहले पार्टी को बड़ा झटका लगा है.
दरअसल, पार्टी का चुनाव चिन्ह फ्रीज हो गया है. अब पार्टी की ओर से नए चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन दिया गया है. हालांकि, पार्टी के झारखंड प्रभारी का दावा है कि इसका कोई असर जदयू पर नहीं पड़ेगा. बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री और झारखंड के जदयू प्रभारी रामसेवक सिंह का दावा है कि झारखंड में नीतीश कुमार की नीति और योजनाओं के साथ बिहार में किए गए विकास कार्य के बल पर चुनाव लड़ा जाएगा. चुनाव आयोग की ओर से जेएमएम की शिकायत पर जो चुनाव चिन्ह फ्रिज किया गया है. उसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
प्रतिक्रया देते जदयू के झारखंड प्रभारी और प्रवक्ता गोपनीय है नया चुनाव चिन्ह
रामसेवक सिंह का कहना है कि बिहार में जेएमएम के चुनाव चिन्ह हम लोगों की शिकायत पर फ्रीज हुआ था. उस समय हम लोगों की शिकायत जायज थी, क्योंकि यहां टिकट बेचे जा रहे थे. झारखंड में जेएमएम की शिकायत जायज नहीं है. रामसेवक सिंह ने कहा कि तीन चुनाव चिन्ह दिया गया है और चुनाव आयोग उसी में से पार्टी के लिए एक चुनाव चिन्ह तय करेगा. हालांकि चुनाव चिन्ह के बारे में कुछ भी बताने से उन्होंने फिलहाल मना कर दिया.
- जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का भी कहना है कि हम लोग नए चुनाव चिन्ह के साथ झारखंड की सभी सीटों पर चुनाव मजबूती के साथ लड़ेंगे.
नीतीश कुमार ऐसे कई राज्यों में चुनाव लड़ चुके हैं. अरुणाचल में जदयू का विधायक चुनाव जीतने में सफल रहा है लेकिन अधिकांश राज्यों में उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई. अब झारखंड में सभी 81 सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है. वहीं, जदयू के सामने बिहार का सहयोगी दल बीजेपी अपनी मजबूती दिखाएगा. दूसरी तरफ राजद भी झारखंड में जोर-शोर से उतरने की कवायद कर रही है.