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पटना में शुरू किया गया स्वर्णप्राशन टीका अभियान, चमकी बुखार से दिलाएगा निजात - बिहार में स्वर्ण प्राशन अभियान

यह टीका साल में 1 बार बच्चों को दिया जाता है और इसे 6 वर्ष तक लेना होता है. इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इस टीका से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है.

स्वर्णप्राशन टीका

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Published : Aug 28, 2019, 2:15 PM IST

पटनाः केंद्र सरकार राज्य में चमकी बुखार के खतरे को कम करने के लिए स्वर्णप्राशन टीका अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत राजधानी के कदमकुआं स्थित राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में बच्चों को टीका दिया जा रहा है. इसके लिए अस्पताल में बच्चे और उनके अभिभावकों की खासी भीड़ देखी जा रही है. स्वर्णप्राशन टीका 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों को दिया जाने वाला एक आयुर्वेदीय टीका है.

राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर

टीका में होती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
बताया जाता है कि स्वर्णप्राशन एक आयुर्वेदीय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की विधि है. यह शुद्ध स्वर्ण, गाय का घी, शहद, अश्वगंधा, ब्राह्मी, वचा, गिलोय, शंखपुष्पी जैसी औषधियों से निर्मित किया जाता है. इस टीका को पुष्य नक्षत्र में लेने की मान्यता है. इस दवा की चंद बूंदें ही बच्चों को पिलाई जाती है. चल रहे अभियान के तहत बुधवार को पटना में 150 बच्चों को यह टीका पिलाया जाएगा.

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'अभिभावकों का मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स'
यह टीका साल में 1 बार बच्चों को दिया जाता है और इसे 6 वर्ष तक लेना होता है. इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इस टीका से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है. राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि अभिभावकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. सरकार से हम लोग अनुरोध करेंगे, कि जिलास्तर पर भी इस कार्यक्रम को चलाया जाए.

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