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युवा दिवस: 'उठो, जागो और तब तक मत रूको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए'

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Published : Jan 12, 2020, 8:50 AM IST

Updated : Jan 12, 2020, 9:49 AM IST

स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के एक संपन्न परिवार में हुआ था.

स्वामी विवेकानंद (फाइल फोटो)
स्वामी विवेकानंद (फाइल फोटो)

पटना:रविवार यानी 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती है. इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. इस मौके पर देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित होने हैं. जहां लोग उन्हें याद करेंगे और श्रद्धांजलि देंगे. स्वामी विवेकानंद भारत के महानतम धर्म गुरुओं में से एक हैं.

स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके संदेश, प्रवचनों से केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व प्रभावित है. वे विद्वता और प्रेरणा के बड़े स्त्रोत माने जाते हैं. कहा जाता है कि स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व काफी प्रभावशाली थी. वे अपने धार्मिक ज्ञान से किसी के भी दिल में जगह बनाने और अपने तर्कयुक्त विचारों से किसी सोचने का नजरिया बदलने की क्षमता रखते थे.

स्वामी विवेकानंद (फाइल फोटो)

12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस
स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे. विवेकानंद के उपदेशों में कई ऐसे प्रसंग हैं, जिनमें सुखी और सफल जीवन के सूत्र बताए गए हैं. इस मौके पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया है.

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय
स्वामी विवेकानंद का असल नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के एक संपन्न परिवार में हुआ था. विवेकानंद के पिता विश्वनाथ दत्त पेशे से वकील थे और मां का नाम भुवनेश्वरी देवी था. पिता की आक्समिक मौत के बाद विवेकानंद का परिवार बिखर गया. ऐसी नौबत आई कि उन्हें नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़ता था. हालातों के कारण वे नास्तिक बनते चले गए और भगवान के बजाए मेहनत और मानवता को मानने लगे. 4 जुलाई 1902 को उनका देहांत हो गया.

विवेकानंद के प्रमुख विचार :

  • उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए
  • खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं
  • तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता, तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है क्योंकि आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नहीं
  • विश्व एक विशाल व्यायामशाला है, जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं
  • किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये...आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं
  • एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ
  • जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते
Last Updated : Jan 12, 2020, 9:49 AM IST

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