पटना: केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह (Suspense About RCP Singh Politics) को लेकर एक बार फिर से चर्चाओं का बाजार गर्म है. चर्चा पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर हो रही है. हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. पार्टी नेताओं का कहना है यह तो हमारे नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर प्रदेश अध्यक्ष ही बता सकते हैं कि सिंह की क्या भूमिका होगी? फिलहाल आरसीपी सिंह पार्टी के सदस्य तो हैं ही.
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आरसीपी सिंह की पार्टी में भूमिका पर सस्पेंस आरसीपी सिंह की राजनीति को लेकर सस्पेंस: आरसीपी सिंह पिछले कुछ समय से जदयू से नाराज चल रहे हैं. दरअसल, आरसीपी सिंह का राज्यसभा में बतौर सांसद कार्यकाल 7 जुलाई यानी कि आज खत्म हो रहा है. बिना सांसद रहे कोई भी व्यक्ति अधिक से अधिक 6 महीने तक ही मंत्री रह सकता है. जेडीयू ने उन्हें राज्यसभा सांसद नहीं बनाया और खीरू महतो को जेडीयू ने राज्यसभा पहुंचाया है. ऐसे में सिंह की नाराजगी काफी बढ़ गयी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह पार्टी में किस भूमिका में होंगे इस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं.
"मैं ना प्रदेश अध्यक्ष हूं और ना ही राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह किस भूमिका में होंगे यह तो पार्टी के नेता और अध्यक्ष ही बता सकते हैं. नीतीश कुमार हमारे सर्वमान्य नेता हैं और उनसे नजदीकी के कारण ही तो महत्वपूर्ण पदों पर रहे. केंद्रीय मंत्रिमंडल में अब नहीं है लेकिन पार्टी के वरिष्ठ सदस्य तो हैं."- विजेंद्र यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार
"पार्टी में सदस्य के रूप में हो या राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में दोनों भूमिका महत्वपूर्ण होती है. उन्हें जो जिम्मेवारी दी जाएगी उसका निर्वहन करेंगे. पहले भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहे हैं."- मदन सहनी, समाज कल्याण मंत्री, बिहार
सीएम नीतीश करेंगे आरसीपी सिंह के भविष्य का फैसला!:आरसीपी सिंह ने 6 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है और आज बिहार लौट आए हैं. पार्टी में उनकी भूमिका क्या होगी? संगठन में किस रूप में काम करेंगे? इसको लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. इस पर फैसला सीएम नीतीश कुमार को ही लेना है लेकिन पार्टी का कोई भी मंत्री और नेता इस मामले में खुलकर बोलने से बच रहा है. कभी आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के बाद पार्टी में दो नंबर की कुर्सी के दावेदार माने जाते थे लेकिन आज पार्टी में सामान्य सदस्य के अलावा कोई हैसियत नहीं रह गई है.