नई दिल्ली/पटना: सुषमा स्वराज भाजपा की एक ऐसी हस्ती थीं जिन्होंने न सिर्फ एक प्रखर वक्ता के रूप में अपनी छवि बनाई, बल्कि उन्हें 'जन मंत्री' कहा जाता था. इतना ही नहीं वह जब विदेश मंत्री बनीं तो उन्होंने आम आदमी को विदेश मंत्रालय से जोड़ दिया.
वह सिर्फ एक ट्वीट पर विदेश में फंसे किसी भारतीय की मदद के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती थीं. दरअसल उन्होंने आम लोगों की कई समस्याओं का समाधान ट्वीटर के जरिए ही कर दिया. सुषमा स्वराज लोगों से सीधे तौर पर बात कर उनकी समस्या के तत्काल समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहती थी. इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में उनकी एक खास जगह थी. जिसे अब शायद ही कोई दूसरा नेता भर पाए. सुषमा स्वराज को ट्वीटर पर 1.3 करोड़ लोग फॉलो करते हैं.
देश के बाहर भी किसी नागरिक के मुश्किल में होने पर सुषमा स्वराज प्राथमिकता के आधार पर उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहती. साल 2017 में उनका एक खास ट्वीट अपने आप में चर्चा का विषय रहा. इस ट्वीट में उन्होंने भारतीय लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए लिखा है कि अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंस गए तो वहां भी भारतीय दूतावास आपकी मदद करेगा. उनका ये ट्वीट जाहिर करता है कि वह आम जन की फिक्र करने वाली नेता थी.
वो आखिरी ट्वीट...
निधन से कुछ घंटे पहले भी पार्टी और इसकी विचारधारा के प्रति स्वराज का लगाव दिखा और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर बधाई दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'अपने जीवनकाल में मैं इस दिन को देखने का इंतजार कर रही थी.' इस ट्वीट के कुछ घंटे बाद हृदय गति रुक जाने से यहां स्थित एम्स में उनका निधन हो गया. वह 67 साल की थीं। वर्ष 2016 में उनका गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था और उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. इस बार वह मोदी सरकार का हिस्सा नहीं थीं और विदेश मंत्री के रूप में एस जयशंकर को उनकी जगह मिली.
भारतीय की मदद के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती थीं
सुषमा स्वराज तक आसानी से पहुंचा जा सकता था. उनकी छवि एक ऐसे विदेश मंत्री के रूप में बन गई थी जो सोशल मीडिया के जरिए सूचना मिलते ही विदेश में फंसे किसी भारतीय की मदद के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती थीं. वह इंदिरा गांधी के बाद देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री थीं.