राहुल गांधी पर पटना में मानहानि का मामला पटना: बिहार की राजधानी पटना में राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त होने के बाद सियासी बयानबाजी शुरू है. इस मामले में बीजेपी नेता व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा (Sushil Modi reaction on Rahul Gandhi issue) कि राहुल गांधी को सच बोलने की नहीं, बल्कि मोदी सरनेम वाले लाखों पिछड़ों का अपमान करने की सजा मिली है. राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई है. पटना के एमपी एमएलए कोर्ट में भी मामला चल रहा है और 12 अप्रैल को यहां सुनवाई होनी है. यहां भी राहुल गांधी को सशरीर उपस्थित होना पड़ेगा.
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'राहुल को कोर्ट का फैसला स्वीकार करना चाहिए' :सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस चुनाव हारने पर ईवीएम को कोसती है और प्रतिकूल निर्णय आने पर न्यायपालिका, सरकार और मीडिया पर अंगुली उठाती है. राहुल गांधी को अदालत के फैसले को स्वीकार कर न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए. राहुल गांधी से पहले लालू यादव, जयललिता सहित 200 से अधिक लोगों को किसी न किसी मामले में सजा मिलने पर सदस्यता गंवानी पड़ी. यह न कोई नया मामला नहीं है और न ही राहुल गांधी कानून से ऊपर हैं.
राहुल गांधी को मिली उनके किये की सजाः राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि जो लोग बोल रहे हैं सच का गला घोंटा जा रहा है तो सच का गला घोंटने के लिए तो खुद कांग्रेस राजनीति कर रही है. सुशील मोदी ने कहा कि क्या लोकतंत्र में पिछड़ी जाति के लोगों को 'चोर' कहा जा सकता है. क्या संविधान पिछड़े वर्ग के लोगों को ऊंचे पदों पर जाने का हक नहीं देता? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सरनेम पर अनर्गल टिप्पणी करना और माफी भी न मांगना राहुल गांधी के अहंकार की पराकाष्ठा है. उन्हें इस रवैये की सजा मिली है. पिछड़ी जाति के नरेंद्र मोदी का पीएम के रूप में चुना जाना राहुल गांधी और कांग्रेस को पच नहीं रहा. यही कारण है कि उनकी जाति के सारे लोगों को चोर बता, सब का अपमान किया गया.
''देश में न्यायालय के सामने सब समान हैं. वे (कांग्रेस) आरोप लगा रहे हैं कि देश में तानाशाही आ गई है. जो लोग भ्रष्टाचार में डुबे हुए हैं वो कह रहे हैं कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे. वे कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं''- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी
क्या है मानहानि का मामला:कर्नाटक के कोलार में 2019 में एक चुनावी सभा के दौरान राहुल गांधी ने 'मोदी सरनेम' को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी. राहुल ने कहा था कि सभी चोरों के उपनाम मोदी ही कैसे हो सकता है. उनके इसी बयान को लेकर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने सूरत में एफआईआर दर्ज कराई थी और 2019 में ही सुशील मोदी ने भी पटना में मानहानि का मामला दर्ज कराया था. सूरत के सेशंस कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी को सजा सुनाई गई. वहीं पटना में राहुल गांधी को अगले महीने 12 अप्रैल को सशरीर उपस्थित होकर अपने बयान पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. इससे पहले पटना में पिछली सुनवाई में राहुल को जमानत मिल चुकी है.