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कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बोले सुशील मोदी, कहा - गरीबी हटाने का वादा कर गरीबों को भूल जाती है कांग्रेस - Tej Pratap

कांग्रेस के घोषणा पत्र पर सुशील मोदी ने कहा है कि जनता कांग्रेस के घोषणा पत्र पर भरोसा नहीं करती है. 1971 में इंदिरा गांधी ने भी गरीबी हटाओ का नारा दिया था. उसके बाद गरीब और गरीबों दोनों को भूल गईं. कांग्रेस भरोसेमंद पार्टी नहीं है.

सुशील मोदी

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Published : Apr 3, 2019, 4:20 AM IST

पटना: कांग्रेस के घोषणा पत्र पर सुशील मोदी ने जमकर निशाना साधा. कांग्रेस के ताजा नेतृत्व पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के वादों पर भी सवाल खड़ा कर दिया. उन्गोंने कहा कि जनता कांग्रेस के घोषणा पत्र पर जरा भी भरोसा नहीं करती है. क्योंकि पहले भी 1971 में इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था और इसी आधार पर भारी बहुमत से प्रधानमंत्री बनीं थीं. उसके बाद वह गरीब और गरीबी हटाओ के नारे को भी भूल गई थीं. कांग्रेस के वादों के इतिहास को देखते हुए जनता इनके घोषणा पत्र पर तनिक भरोसा नहीं करती है.

सुशील मोदी का बयान

कांग्रेस के घोषणा पत्र पर पटना एयरपोर्ट पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हमला बोलते हुए कहा कि गरीबी बढ़ती चली गई, समस्याओं का समाधान तो कर नहीं पाए. सिर्फ लंबी-लंबी घोषणाएं करने से जनता भरोसा नहीं करती है. सुशील मोदी यहीं नहीं रुके आगे उन्होंने कहा कि जनता ट्रैक रिकॉर्ड देखती है. लोग देखते हैं कि किसी नेता का ट्रेक रिकॉर्ड क्या है? साथ ही, सरकार का क्या ट्रैक रिकॉर्ड है और जब इनको मौका मिला तब इन्होंने क्या काम किया? सुशील मोदी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अगर आप कह दें कि चांद पर ले जाएंगे या कुछ और कर देंगे तो इसका मतलब यह नहीं कि लोग आप पर भरोसा कर लेंगे.

तेज प्रताप के मसले को बताया सत्ता का संघर्ष
आरजेडी के अंदर तेज प्रताप के मसले पर सुशील मोदी ने कहा कि यह तो होना ही था. यह तो सत्ता का संघर्ष है. औरंगजेब के जमाने में भी बाप और बेटे में सत्ता को लेकर संघर्ष हुआ था. जो परिवारवादी पार्टियां हैं यहां बाप बेटे के बीच में, मां बेटे के बीच में, भाई-भाई के बीच में और भाई-बहन के बीच में संघर्ष चलता रहता है. उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच में संघर्ष चल रहा है. परिवारवादी पार्टियों में ऐसा ही होता है. ये उनका आंतरिक मामला है, उन्हीं को सुलझाना है.

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