पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने इंजीनियरिंग और मेडिकल के छात्रों के आत्महत्या की घटना को लेकर चिंता व्यक्त की. इस मामले को लेकर राज्यसभा में विशेष उल्लेख करते हुए सरकार से उच्च शिक्षण संस्थानों में काउंसलर्स नियुक्त करने की मांग की. उन्होंने कहा कि छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि चिंताजनक स्थिति है.
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कोटा में एक साल में 18 युवाओं ने खुदकुशी : सुशील मोदी ने राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में बिहार के एक छात्र की आत्महत्या करने की हाल की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक वर्ष के दौरान केवल कोटा में 18 छात्रों का आत्महत्या करना अत्यंत दुखद है. ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सरकार को कोई प्रभावी व्यवस्था विकसित करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एम्स और उच्च शिक्षा के अन्य संस्थानों में पिछले पांच साल के दौरान 75 छात्रों ने आत्महत्या कर ली.
"इंजीनियरिंग और मेडिकल के छात्रों की आत्महत्या करने की घटनाओं में हाल के दिनों में इजाफा हुआ है. यह स्थिति काफी चिंताजनक है. सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर सही समय पर छात्रों का सही मार्गदर्शन करने वाली व्यवस्था विकसित कर ऐसी अप्रिय घटनाएं रोकी जा सकती हैं."- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी
कड़ी स्पर्धा का रहता है दबाव : सुशील मोदी ने सदन को बताया कि वर्ष 2021 में अलग-अलग कारणों से 18 साल से कम उम्र के 10,732 बच्चों ने खुद ही अपनी जिंदगी खत्म कर पूरी व्यवस्था को गंभीरता से सोचने के लिए बाध्य कर दिया है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों में नामांकन के लिए कड़ी स्पर्धा, नामांकन के बाद अच्छे अंक लाने का दबाव, अभिभावकों की अपेक्षा और निम्न-मध्यम वर्ग वाले परिवार से आने वाले छात्रों का आर्थिक दबाव आत्महत्या की घटनाओं के पीछे बड़ा कारण बताया जा रहा है.