सुशील मोदी का नीतीश कुमार पर हमला पटना:जनता दल यूनाइटेड ने अरुणाचल प्रदेश में अपना उम्मीदवार उतारा है. इसको लेकर सुशील मोदी ने नीतीश कुमारपर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने (नीतीश कुमार) क्या किया, वह जाने. नीतीश कुमार ब्लैकमेल करके संयोजक बनने जा रहे हैं. उनको उम्मीद थी कि वह प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बनेंगे इसलिए वह एनडीए गठबंधन से अलग हुए थे.
'संयोजक का पद है मुंशी जैसा'- सुशील मोदी:सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को लगा था कि इंडिया गठबंधन उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएगी लेकिन उन्हें झुनझुना थमा दिया गया. अब उन्हें संयोजक बनाया जा रहा है और संयोजन का काम मुंशी का काम है. टेलीफोन करके सूचना देना, मीटिंग बुलाना, कोऑर्डिनेट करना और नीतीश कुमार को कौन पूछने वाला है.
वह कई महीनों से डरा रहे थे कि नहीं कुछ दोगे तो भाजपा के साथ चले जाएंगे. लेकिन भाजपा ने अपने दरवाजे बंद कर दिए थे. उन्हें उम्मीद थी कि पीएम उम्मीदवार बनेंगे लेकिन उनको झुनझुना थमा दिया गया.-"- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद
पटना में लगे पोस्टर पर सुशील मोदी: पटना की सड़कों पर एक पोस्टर लगाकर सुशील मोदी को संकट मोचक बताया गया है. सुशील मोदी ने इसको लेकर कहा कि वह कार्यकर्ताओं का प्यार है. लंबे समय तक बिहार में काम करने की वजह से कई कार्यकर्ताओं से आत्मीय संबंध हो गया है जिस वजह से यह पोस्टर लगाया गया है. मुझे इस पोस्टर की जानकारी नहीं है.
'राम और रोटी दोनों में कोई विरोधाभास नहीं' : उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राम मंदिर को लेकर एक बयान में कहा था कि मंदिर से ज्यादा जरूरत अस्पताल की है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा वह स्वास्थ्य मंत्री हैं. सारे मंदिर मस्जिद को तुड़वा दें और अस्पताल बनवा दें. जो बीमार पड़ेगा वह अस्पताल जाएगा ना लेकिन अगर किसी को मानसिक शांति चाहिए, आध्यात्मिक शांति चाहिए तो उसको मंदिर की आवश्यकता है. राम और रोटी दोनों में कोई विरोधाभास नहीं है.
'तिरुपति क्यों गए थे तेजस्वी?': उन्होंने आगे कहा कि आदमी को राम भी चाहिए रोटी भी चाहिए. आदमी को ईश्वर की प्रार्थना भी चाहिए. अगर राम मंदिर से दिक्कत है तो फिर तेजस्वी यादव पूरे परिवार के साथ तिरुपति क्यों गए थे. हिंदुओं की आस्था को चोट और ठेस पहुंचाना इंडी गठबंधन का मकसद है. यही तेजस्वी यादव है जिनके पिता लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह द्वारा कारसेवकों पर गोली चलाई. नरेंद्र मोदी की सरकार ने मंदिर नहीं बनवाया बल्कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने जनता के सहयोग से मंदिर बनवाया है.
भगवान राम पर विवादास्पद बयान पर भड़के सुमो: एनसीपी नेता ने कहा कि भगवान राम मांस खाते थे, मांसाहारी थे, इसको लेकर सुशील मोदी ने कहा यह सब बकवास की बातें हैं. मांस खाते थे फल खाते थे उसका क्या मतलब है. इंडिया गठबंधन के तमाम नेता हिंदू देवी देवताओं को अपमानित करना जलील करना उनका मजाक उड़ाना जानते हैं. यह उनकी रणनीति का हिस्सा है और इससे यह एक वर्ग विशेष को खुश करना चाहते हैं.
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