पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार काे 142 उर्दू अनुवादक के साथ कुल 183 लोगों को नियुक्ति पत्र (nitish kumar distributed appointment letters) बांटे. इस पर भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Modi) ने महागठबंधन सरकार पर झूठा श्रेय लूटने का आराेप लगाया. मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार उन युवाओं को नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं, जिनकी बहाली की प्रक्रिया एनडीए सरकार के समय ही पूरी हो चुकी थी. मोदी ने कहा कि उर्दू अनुवादकों की (Recruitment of Urdu translators in Bihar) नियुक्ति के लिए विज्ञापन फरवरी 2019 में निकला और मई 2022 तक इम्तिहान, रिजल्ट और काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर 149 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जा चुका था. इन्हीं लोगों को नियुक्ति पत्र बांट कर दिखावा किया जा रहा है. इसी तरह वे अब 10 हजार सिपाहियों को भी नियुक्ति पत्र बांटने वाले हैं.
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चार आयोगों के शीर्ष प्रशासनिक पद खालीः सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब सामूहिक नियुक्तियां करने वाले चार आयोगों के शीर्ष प्रशासनिक पद ही आधे से ज्यादा खाली पड़े हैं तब बिहार सरकार 25 साल में भी 10.5 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा पूरा नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के 6 में से 3 सदस्य कार्यरत हैं. एक पद 22 माह से और दो पद 6 माह से खाली है. मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग को सहायक प्रोसेसर के 4,638 पदों पर नियुक्ति करनी थी, लेकिन तीन साल की अवधि बीतने पर आयोग बमुश्किल 300 लोगों का चयन कर पाया.